Agnipath Protest: 'अग्निपथ’ को लेकर युवाओं के उग्र आंदोलन को देखते हुए अब बिहार के राजनीतिक दल भी खुलेआम विरोध में आ गए हैं. विपक्षी पार्टियां तो विरोध कर ही रही हैं, अब सरकार में शामिल जदयू भी इस योजना का खुलेआम विरोध करने लगी है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर मोदी सरकार को ‘अग्निपथ’ स्कीम पर पुनर्विचार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना से बिहार सहित देश के अन्य राज्यों के छात्रों एवं युवाओं में असंतोष का भाव उभरा है. जगह-जगह हिंसक घटनायें हो रही है, केंद्र सरकार को अविलंब संज्ञान लेकर पुनर्विचार करना चाहिए.
यदि ऐसा संभव नहीं है तो आगे आकर छात्रों-युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि उनके भविष्य पर इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा. इससे पहले भी ललन सिंह ने ‘अग्निपथ’ योजना को युवाओं के लिए खतरनाक बताया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अग्निपथ योजना के निर्णय से बिहार सहित देशभर के नौजवानों, युवाओं एवं छात्रों के मन में असंतोष, निराशा व अंधकारमय भविष्य (बेरोजगारी) का डर स्पष्ट दिखने लगा है. केंद्र सरकार को अग्निवीर योजना पर अविलंब पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि यह निर्णय देश की रक्षा व सुरक्षा से भी जुड़ा है.
वहीं उपेन्द्र कुशवाहा ने भी ट्वीट कर लिखा है कि सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती को लेकर प्रस्तावित बदलावे, ‘अग्निपथ’ योजना पर भारत सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ‘अग्निपथ’ योजना पर विचार करने को कहा है.
वहीं, बिहार में एनडीए सरकार में सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध किया है. उन्होंने मोदी सरकार से ‘अग्निपथ योजना’ को अविलंब वापस लेने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘अग्निपथ स्कीम’ राष्ट्रहित एवं युवा हित के लिए खतरनाक कदम है. जिसे अविलंब वापस लेना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह है कि अविलंब अग्निपथ स्कीम को खत्म कर पुरानी सेना भर्ती योजना को शुरू करने की घोषणा करें. जय हिन्द. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इस आशय का एक वीडियो संदेश शुक्रवार को जारी करते हुए कहा, ‘‘केंद्र द्वारा की गयी अग्निपथ योजना की घोषणा से बिहार और देश के अन्य हिस्सों के युवाओं में आक्रोश पैदा हो गया है इसलिए केंद्र को इस योजना पर अविलंब पुनर्विचार के बारे में सोचना चाहिए.
यदि यह संभव नहीं है तो युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि इस योजना से उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।’’ जदयू भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का सबसे बड़ा गठबंधन सहयोगी है जो केंद्र में सत्तासीन है। बिहार में भी दोनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं.