कोरोना वायरस के मामले बेशक कम होने लगे हैं लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। कोरोना के खिलाफ पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान जारी है और कई देशों में बनी वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। इस बीच खबर है कि साउथ अफ्रीका ने रूसी वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' (Sputnik V) को मंजूरी नहीं दी है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका के हेल्थ प्रोडक्ट रेगुलेटर ने कहा कि वह रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' को मंजूरी नहीं देगा, क्योंकि इससे पुरुषों में एचआईवी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
यह फैसला एडेनोवायरस के संशोधित रूप की सुरक्षा के परीक्षण के पहले के अध्ययनों पर आधारित था। यह एक प्रकार का वायरस है, जो श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, जिसे Ad5 के रूप में जाना जाता है। यह रूसी वैक्सीन में भी पाया गया है।
साउथ अफ्रीकन हेल्थ प्रोडक्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी (एसएएचपीआरए) ने एक बयान में कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में स्पुतनिक वी टीका का उपयोग पुरुषों में एचआईवी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
एसएएचपीआरए कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में स्पुतनिक वी के उपयोग के लिए आवेदन के पीछे कंपनी के पास कोई सबूत नहीं था कि वैक्सीन एचआईवी प्रसार के मामले सुरक्षित होगी।
इधर स्पुतनिक वी विकसित करने वाली रूसी कंपनी गमलेया सेंटर ने कहा है कि एसएएचपीआरए ने जो जानकारी दी है वो पूरी तरह निराधार थी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एडिनोवायरस टाइप -5 वेक्टर टीके और उच्च जोखिम वाले समूहों में एचआईवी संचरण के बीच संबंध के बारे में अटकलें छोटे पैमाने पर अध्ययन पर आधारित हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक स्पुतनिक वी को आपातकालीन उपयोग के लिए हरी झंडी नहीं दी है, हालांकि इसे कम से कम 45 देशों में प्रशासित किया जा रहा है।