Kim Kardashian disease: अमेरिका की फेमस टीवी सेलेब्रिटी किम कार्दशियां ( के चाहने वालों के लिए एक दुखद खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि किम ल्यूपस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझ रही है। इसका पता उन्हें हाल ही में एक टेस्ट कराने पर चला है। उन्हें दर्द, जोड़ों में सूजन, सिरदर्द, कमजोरी जैसी परेशानियां हो रही थीं जिसके बाद उन्होंने टेस्ट कराया। रिपोर्ट में उनकी ऐंटीबॉडीज में लूपस और रूमेटॉयड आर्थराइटिज के पॉजिटिव साइन सामने आए हैं। चलिए जानते हैं कि यह बीमारी क्यों और कैसे लोगों को प्रभावित करती हैं।
ल्यूपस क्या है?
ल्यूपस तंत्रिकाओं की एक खतरनाक बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों को भी प्रभावित करती है। इसे ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है क्योंकि इसके मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता उसके अपने ही अंगों के लिए नुकसानदेह साबित होती है। मरीज के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के लिए जिम्मेदार सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की संख्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि इनका दुष्प्रभाव शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ने लगता है।
ल्यूपस के कारण
इस बीमारी के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ऐसा माना जाता है कि कुछ लोगों में जन्म से ही ल्यूपस बीमारी होने की प्रवृत्ति होती है। इसके अलावा संक्रमण, कुछ दवाओं के सेवन या सूरज की रोशनी से भी इसका खतरा होता है। दुर्भाग्यवश ल्यूपस को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कोई इलाज नहीं है, फिर भी इसके उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
ल्यूपस के लक्षण
इसके लक्षणों में जोड़ों में दर्द, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, पैरों में सूजन, काले घेरे, माउथ अल्सर, थकान, चेहरे पर लाल चकत्ते, बाल झड़ना, तेज ठंड लगना आदि शामिल हैं।
ल्यूपस से बचने के उपाय
- सूर्य की रोशनी से बचें- तनाव से बचें- योग या मालिश करें- बीमार लोगों के आस-पास रहने से बचें - धूम्रपान न करें
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है?
रूमेटाइड अर्थराइटिस किसी भी उम्र-समूह में होने वाला एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। यह बीमारी जोड़ों के ऊतक में सूजन के कारण होती है। इससे जोड़ों में विकृति और चलने में कठिनाई होती है। इसमें इम्यून सिस्टम शरीर के सेल्स और जोड़ों पर हमला करती है। इसमें रोग प्रतिरोधक तंत्र के कुछ सेल्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण
रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण अभी तक पता नहीं चला है। कुछ वायरस, बैक्टीरिया और फंगस आदि को इसका कारण माना जाता है। कहा जाता है कि मोटापा, आघात या चोट के कारण कार्टिलेज की क्षति और अत्यधिक धूम्रपान के कारण भी इसका खतरा होता है।