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पुरानी से पुरानी कब्ज, दर्दनाक खूनी बवासीर का रामबाण इलाज है ये चीज, इस तरीके से करें यूज

By उस्मान | Updated: April 26, 2019 11:19 IST

Health and Diet tips in Hindi: खराब खानपान के कारण कब्ज और बवासीर की समस्या आम हो गई है। बवासीर के लिए कई मेडिकल ट्रीटमेंट हैं लेकिन आप खानपान में बदलाव करके भी इस समस्या से राहत पा सकते हैं।

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खराब खानपान के कारण बवासीर एक आम समस्या बन गई है। बवासीर या पाइल्स मलद्वार के चारों ओर नसों के फूलने या सूजन को कहते हैं। इसमें गुदा पर मस्से जैसे उभार हो जाते हैं। यह बेहद तकलीफदेह होता है। इस समस्या में रोगी को गंभीर कब्ज तो होता ही है, मलद्वार में असहनीय तकलीफ, कांटों सी चुभन, मस्से, घाव, जलन आदि गंभीर समस्याएं भी होती हैं। 

समस्या बढ़ने पर गुदा के पास मस्से निकलने लगते हैं जिससे खून भी निकलता है। अगर ज्यादा खून निकल जाता है तो रोगी की स्थिति कमजोर हो जाती है। बवासीर के लिए कई मेडिकल ट्रीटमेंट हैं लेकिन आप खानपान में बदलाव करके भी इस समस्या से राहत पा सकते हैं। आपने जिमीकंद या सूरन की सब्जी का नाम जरूर सुना होगा। यह कद्दू के आकार की सब्जी है, जो आपको कहीं भी मिल सकती है।

यह सब्जी जितनी स्वादिष्ट है उतनी ही पौष्टिक भी हैं। नियमित रूप से इसके सेवन से आपको कई रोगों बचने में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं कि यह सब्जी खूनी बवासीर में कैसे फायदेमंद हो सकती है। जिमीकंद में कैल्शियम, कॉपर, सेलेनियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स के साथ विटामिन ए पाया जाता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और ओमेगा 3 फैटी एसिड भी मौजूद होते, हैं जो शरीर के लिए जरूरी हैं। यह खूनी बवासीर में अति लाभकारी है। 

बवासीर के लिए ऐसे करें जिमीकंद का इस्तेमाल

इसके लिए जिमीकंद को भूनकर पीसकर दही के साथ प्रतिदिन सेवन करने करना चाहिए। इससे बवासीर में खून का गिरना बंद हो जाता है। जिमीकंद के सेवन से पेट के कीड़े भी मरते हैं और कब्ज से राहत मिलती है।

जिमीकंद के अन्य लाभ

इस सब्जी के और भी बहुत से फायदे होते हैं। ये हमारे रक्त में कोलेस्ट्रोल की अधिकता को कम करने में उपयोगी होता है। ये डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। वजन कम करने के साथ साथ गठिया रोग दूर करने में भी लाभकारी है। साथ हीं यह लिवर को साफ करने में भी का भी काम करता है।

जिमीकंद की सब्जी किसे नहीं खानी चाहिए

जिमीकंद की तासीर ठंडी होती है इसलिए कफ से ग्रस्त व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। स्तानपान कराने वाली माताओं को भी इसे नहीं खाना चाहिए। इससे बच्चे को खांसी हो सकती है। साथ ही जो लोग साइनस अस्थमा और संक्रमण आदि से पीड़ित हैं उन्हें भी इससे परहेज करना चाहिए या विशेषज्ञ की सलाह लेकर खाना चाहिए।

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