माता-पिता को अपने बच्चों के दोस्त कभी पसंद नहीं आते हैं। उन्हें हमेशा यही डर होता है कि ये दोस्त उनके बच्चे को बिगाड़ देंगे, उसके साथ घूमने से बच्चे बुरी बातें सीख जाएंगे और पढ़ाई में पीछे रह जाएंगे। यही कारण है कि माता-पिता हमेशा अपने बच्चे को ये नसीहत देते रहते हैं कि 'उसे लफंगे के साथ घूमना बंद करो और जिंदगी में कुछ अच्छा करके दिखाओ' लेकिन हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार आपके बच्चे को आपकी सलाह से अधिक अपने दोस्तों की जरूरत है। उसके दोस्त उसकी सेहत और भविष्य दोनों के लिए अच्छी हैं।
जर्नल साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक वे बच्चे जो बचपन में अपने दोस्तों के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं, दोस्तों के साथ खेलते हैं, बढ़ती उम्र में उनका रक्तचाप और बीएमआई दोनों कम रहता है। लेकिन इससे ठीक विपरीत यदि बचपन में बच्चों को दोस्तों का साथ ना मिले, खेल-कूद के जरिए वे असल खुशी को महसूस ना कर पाएं तो 30 की उम्र के बाद ऐसे लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं जिनमें से हाइपरटेंशन और बढ़ता वजन सामान्य है।
शोध में 267 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से कुछ अभिभावक थे और कुछ जवां या मिड-एज भी थे। शोध में सभी से तरह-तरह के सवाल किए गए। अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चों के कितने दोस्त हैं, किस तरह के दोस्त हैं और वे अपने दोस्तों के साथ कितने घंटे खेलते हैं। शोध में नन्हे बच्चों से लेकर 6 वर्ष के बच्चे, 16 वर्ष और किशोरावस्था को लांघ चुके लोगों द्वारा अपने बचपन में की गई एक्टिविटीज को नोट किया गया। अंत में यह पाया गया कि वे लोग जिन्होंने बचपन में अपने दोस्तों के साथ काफी वक्त बिताया है वे 32 की उम्र के बाद रक्तचाप और बॉडी मास इंडेक्स के मामले में सेहतमंद रहे हैं।