नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के छात्रसंघ ने सोमवार यानी 29 अप्रैल को आरोप लगाते हुए बताया कि एक शिक्षक ने छात्रा का यौन उत्पीड़न किया और शिकायत पर प्रशासन की निष्क्रियता से उसे परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। जेएनयूएसयू ने एक और आरोप में शिकायत करते हुए कहा कि उसी टीचर ने दूसरी बैचमेट्स के साथ भी यौन उत्पीड़न के साथ मानसिक यातनाएं भी दी, इस पर भी जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनकी मांग है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों की शिकायत पर जल्द कार्रवाई करे और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं।
छात्रसंघ ने आरोप लगाते हुए दावा किया, "प्रोफेसर से ये पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने लगातार संदेश भेजे और कॉल की, जिसमें कुछ कविताएं और निजी बैठकों का भी जिक्र है। इसके बाद प्रोफेसर ने पीड़िता के ठिकाने के बारे में जानने के लिए अन्य महिला छात्रों को परेशान करना शुरू कर दिया। इसके साथ पीड़िता को परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया"।
आईसीसी की पीठासीन अधिकारी वंदना मिश्रा ने मीडिया को बताया कि जांच चल रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "जांच की उचित प्रक्रिया चल रही है। आईसीसी की ओर से आवश्यक कदम उठाए गए हैं"।
छात्र संघ ने दावा किया कि पीड़िता ने 10 अप्रैल को आरोपी के खिलाफ आईसीसी में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। 15 अप्रैल को पीड़िता के कुछ बैचमेट्स द्वारा एक और शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शिक्षक पर छात्र के ठिकाने के बारे में जानने के लिए उन्हें यौन और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया गया।