पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य में नेपाल(जेन-जी) जैसी हिंसा भड़काने की कोशिश की जा रही थी। मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में करिश्मा अजीम नामक एक युवती को हिरासत में लिया है और उससे विस्तार से पूछताछ की जा रही है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट को तुरंत ब्लॉक कर दिया गया है। आरोप है कि करिश्मा अजीम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्विटर) पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया है। पुलिस का मानना है कि इस युवती ने नेपाल जैसी हिंसा भड़काने की कोशिश की है। थाने में दर्ज प्राथमिकी में करिश्मा अजीज नामक युवती को मुख्य आरोपी बताया गया है।
प्राथमिकी के अनुसार करिश्मा के खिलाफ 16 नवंबर की शाम मुजफ्फरपुर जिले से सूचना मिली थी कि उसने अपने एक्स हैंडल पर आपत्तिजनक पोस्ट किया है। जिसमें भीड़ और प्रदर्शन की बात कही गई है। पोस्ट के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि बिहार में चुनाव परिणाम आने के बाद सड़कों पर युवाओं का प्रदर्शन जारी है।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती के बाद राज्य में कहीं से भी विरोध-प्रदर्शन का मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस का साफ कहना है कि यह पोस्ट फर्जी है। इसके माध्यम से सिर्फ और सिर्फ दंगा भड़काने की कोशिश की गई है। साइबर थाने की पुलिस का मानना है कि इस पोस्ट के माध्यम से नेपाल (जेन-जी) जैसी हिंसा भड़काने का प्रयास किया गया है।
हालांकि पुलिस इस मामले में पूरी तरह सावधानी बरतते हुए एक्शन ले रही है। पोस्ट में भीड़ और हिंसा को बढ़ावा देने वाली भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ सकती थी। इसके साथ ही, पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जाने वाले ऐसे अफवाह और भड़काऊ संदेशों को नियंत्रित करना अब प्राथमिकता बन गया है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में पूरी सावधानी बरती जा रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि पोस्ट के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल थे, और क्या इसके जरिए किसी अन्य राजनीतिक या सामाजिक उद्देश्य की साजिश रची गई थी।
पुलिस ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए पूरे राज्य में सोशल मीडिया निगरानी बढ़ा दी है और साइबर सिक्योरिटी टीम को अलर्ट कर दिया है। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके और कानून व्यवस्था सुरक्षित बनी रहे।