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26/11 स्पेशल: 'अल्लाह कसम ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी', कसाब ने फांसी पर लटकने से पहले कही थी ये आखिरी बात

By पल्लवी कुमारी | Published: November 26, 2019 9:39 AM

26/11 Mumbai attacks 2008: मुख्य साजिशकर्ता अजमल कसाब को 6 मई, 2010 को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी और मई 2012 की 21 तारीख उसे फांसी दी गई थी।

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ठळक मुद्दे  26 नवंबर, 2008 का वह दिन आज भी हर देशवासी के रोंगटे खड़े कर देता है, जब देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में दस आतंकवादियों ने घातक हमला किया था। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में सफलता मिली। हमले में 166 लोग मारे गए थे।

26/11 (2008) मुंबई आतंकवादी हमले का मुख्य साजिशकर्ता अजमल कसाब को 21 मई, 2012 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटकाया गया था।  26 नवंबर, 2008 का वह दिन आज भी हर देशवासी के रोंगटे खड़े कर देता है, जब देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में दस आतंकवादियों ने घातक हमला किया था। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में सफलता मिली। हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे। मुख्य साजिशकर्ता अजमल कसाब को 6 मई, 2010 को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी और मई 2012 की 21 तारीख उसे फांसी दी गई थी। फांसी के पर लटकने के पहले कसाब ने कहा था, ''अल्लाह कसम ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी''। 

आइए बताते हैं फांसी वाले दिन अजमल कसाब ने क्या-क्या कहा और क्या किया

अपने आखिरी दिन (21 मई, 2012 ), लश्कर-ए-तोएबा (एलईटी) के आतंकवादी अजमल अमीर कसाब को सुबह अंधेरे में फांसी देने का फैसला किया गया था। कसाब को सुबह जल्दी उठाया गया। उसे दिन उसे नहाने के लिए तकरीबन आधे घंटे का वक्त दिया गया। उसने नहा कर प्रार्थना की। जेल प्रशासन की ओर से कसाब को पहनने के लिए नए कपड़े दिए गए थे। 

सुबह 5.30 से 6 बजे के बीच जेल के पुलिस महानिरीक्षक मीरन बोरवंकर और यरवदा जेल के अधीक्षक योगेश देसाई सहित शीर्ष पुलिस और जेल अधिकारी जेल पहुंचे थे। कसाब को नहाने और प्रार्थना के बाद मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया था। जेल डॉक्टर ने उसकी जाँच की और जेल मैनुअल के अनुसार एक फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया।

जल्लाद को नागपुर से लाया गया था क्योंकि पुणे की जेल में एक भी जल्लाद नहीं थे। कसाब को तब विशेष जगह लाया गया, जहाँ उसे फांसी पर लटकाना था। वहां मौजूद अधिकारियों ने इंडिया टूडे से बात करते हुए कहा था कि कसाब के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं है था जब उसे फांसी के लिए ले जाया जा रहा था।  

पुलिस सूत्रों ने कहा था कि कसाब से दो सवाल पूछे गए और उसके जवाब दोनों के लिए नकारात्मक थे। सबसे पहले कसाब से पूछा गया कि क्या उसकी कोई अंतिम इच्छा है, लेकिन उसने कहा कि 'नहीं'। कसाब से पूछा गया कि क्या वह किसी को अपना सामान देना चाहता है, तो उसने फिर से जवाब दिया 'नहीं' 

अधिकारियों ने कहा कि कसाब के अंतिम शब्द थे: "अल्लाह कसम, ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।" उसके बाद सुबह 7.30 बजे कसाब को फांसी देने के लिए लीवर से धक्का दिया गया। दस मिनट बाद चिकित्सा अधिकारी ने उसे मृत घोषित कर दिया।

टॅग्स :अजमल कसाब26/11 मुंबई आतंकी हमले
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