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सरसों, सोयाबीन, बिनौला में सुधार, मूंगफली, सीपीओ, पामोलीन में हानि

By भाषा | Updated: April 13, 2021 21:04 IST

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल मंडियों में कम आवक और भारी मांग के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों के भाव में सुधार आया जबकि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की निर्यात के साथ स्थानीय मांग बढ़ने की वजह से सोयाबीन तेल तिलहनों तथा बिनौला मिल डिलीवरी (हरियाणा) तेल में भी सुधार रहा।

तेल उद्योग के जानकारों के मुताबिक मंडियों में सरसों की आवक कम है और किसान मंडियों में अपनी ऊपज कम ला रहे हैं। इस बीच कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच देश में सरसों तेल की मांग बढ़ी है। स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के साथ सबसे सस्ता होने के कारण इसमें मिलावट बंद है, जिसकी वजह से इसकी लगातार मांग बढ़ रही है।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की भारी मांग को देखते हुए सरकार को इसके रिफाइंड बनाने पर प्रतिबंध लगाना होगा नहीं तो आगे चलकर सरसों तेल की भारी किल्लत पैदा हो सकती है।सूत्रों ने कहा कि साल्वेंट इकाइयों का प्रमुख संगठन सोपा सोयाबीन दाना के दाम बढ़ने पर शोर कर रहा है इसके लिए वायदा कारोबार को जिम्मेदार बता रहा है, पर जब तेल तिलहनों के वायदा भाव हाजिर भाव से भी नीचे जाते हैं तो वे खामोश रहते हैं।

उन्होंने सवाल किया, ‘जब वायदा कारोबार में सरसों या सोयाबीन की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 8-10 प्रतिशत कम दाम पर बेचा जाता है तब ऐसे संगठन शांत क्यों बैठन हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में सोयाबीन दाना का हाजिर भाव 7,200 रुपये क्विन्टल है लेकिन इंदौर के वायदा कारोबार में अप्रैल अनुबंध का भाव 6,920 रुपये क्विन्टल बोला गया है।

सूत्रों के अनुसार मलेशिया एक्सचेंज और शिकागो एक्सचेंज में दो-दो प्रतिशत की तेजी थी। मेलेशिया एक्सचेंज की तेजी की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में 50 - 50 रुपये प्रति क्विन्टल का सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि खल (डीओसी) की भारी निर्यात मांग और स्थानीय पाल्ट्री कंपनियों की भारी मांग के कारण सोयाबीन दाना और लूज के अलावा सोयाबीन तेलों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए।

गुप्ता ने कहा कि नमकीन बनाने वालों और शादी विवाह जैसे आयोजनों में मक्का रिफाइंड तेल की मांग बढ़ रही है जिसे स्वास्थ्य और स्वाद के हिसाब से बेहतर तेल माना जाता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार को आयात शुल्क में कमी किये जाने की अफवाह फैलाने वालों से कड़ाई से निपटना चाहिये।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,385 - 6,425 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,435 - 6,480 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,750 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,510- 2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,075 -2,155 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,255 - 2,285 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,800 - 17,800 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,400 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,200 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,080 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,700 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,650 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,500 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,450 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 7,100 - 7,150 रुपये: सोयाबीन लूज 7,000 - 7,050 रुपये

मक्का खल 3,700 रुपये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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