अमरावती, 19 जनवरी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार को बड़ा झटका देते हुए अमरावती भूमि सौदों से संबंधित भेदिया कारोबार के एक आपराधिक मामले की कार्यवाहियों को मंगलवार को खारिज कर दिया।
राज्य का अपराध जांच विभाग (सीआईडी) कुछ निजी निकायों के खिलाफ मुकदमा दायर कर रखा था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि पूरा मामला कई कानूनी कमियों से भरा हुआ है और अभियोजक के पक्ष की जड़ को ही समाप्त करता है।
न्यायमूर्ति चीकटि मानवेंद्रनाथ रॉय की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘यह वास्तव में इस अदालत की समझ से परे है कि कैसे उक्त निजी बिक्री लेनदेन को मामूली वजहों के आधार पर आपराधिक बनाया जा सकता है और जमीन के खरीदारों को अपराधी बताकर कार्रवाई की जा सकती है।’’
इस फैसले के दूरगामी परिणाम होने के अनुमान हैं, क्योंकि राज्य सरकार इसी तरह के आरोपों पर कुछ अन्य मामले भी चला रही है, जिनमें कुछ बड़े लोग कथित रूप से शामिल हैं।
न्यायाधीश ने ‘भेदिया कारोबार’ के उस सिद्धांत को सिरे से खारिज कर दिया, जिसे वाईएसआर कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए 2016 से ही अमरावती राजधानी क्षेत्र में भूमि लेनदेन को लेकर प्रचारित करती आ रही है।
वाईएसआर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उनके परिजनों और तेलुगु देशम पार्टी के कुछ नेताओं पर भेदिया कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया है।
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