लाइव न्यूज़ :

सरकार ने कपड़ा निर्यातकों के लिये करों, शुल्कों में छूट योजना आगे जारी रखने को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: July 14, 2021 18:31 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 14 जुलाई कपड़ा निर्यातकों को उनके निर्यात पर केंद्रीय और राज्य करों में छूट पहले की तरह मिलती रहेगी। सरकार ने बुधवार को कपड़ा निर्यात के लिये राज्य और केंद्रीय करों तथा शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना मार्च, 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी।

इस पहल का मकसद श्रम गहन कपड़ा क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में आरओएससीटीएल योजना जारी रखने को मंजूरी दी गयी। यह मंजूरी उसी समान दर पर दी गयी है जिसकी अधिसूचना कपड़ा मंत्रालय ने परिधान निर्यात और मेड अप (चादर, कंबल, कालीन आदि) निर्यात के लिये जारी की थी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘योजना 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी। इससे निर्यात और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।’’

इस योजना के दायरे में आने वाले क्षेत्रों (कपड़ा/परिधाम और मेड अप) को निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों से छूट (आरओडीटीईपी) योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तैयार नियम के अनुसार जो कपड़ा उत्पाद आओएससीटीएल योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे, वे अन्य उत्पादों के साथ आरओडीटीईपी योजना का लाभ लेने के लिये पात्र होंगे।

योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग डिजिटल रूप से करेगा। इसके तहत हस्तांतरणीय ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप (बीजक या पर्ची) जारी किया जाएगा। इसे सीमा शुल्क प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखा जाएगा।

आओएसीसीटीएल योजना को जारी रखने और उसके क्रियान्वयन के बारे में कपड़ा मंत्रालय राजस्व विभाग के परामर्श से संशोधित दिशानिर्देश जारी करेगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘कपड़ा/परिधान और मेड-उप के लिये आरओएससीटीएल जारी रखने से करों और शुल्कों पर छूट जारी रहेगी। इससे ये उत्पाद वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हो सकेंगे...।’’

इस योजना के तहत, निर्यातकों को निर्यात किए गए उत्पाद में निहित करों और शुल्क के मूल्य के लिए एक ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप यानी बीजक जारी की जाती है। निर्यातक इस बीजक का उपयोग उपकरण, मशीनरी या किसी अन्य कच्चे माल के आयात के लिए मूल सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं।

इन बीजकों का व्यापार किया जा सकता है। यानी, यदि निर्यातक को अपने निजी उपयोग के लिए इसकी आवश्यकता नहीं है, तो वे इसे किसी अन्य आयातक को हस्तांतरित कर सकते हैं।

इससे पहले, आरओएससीटीएल योजना के तहत परिधान के लिए छूट की अधिकतम दर 6.05 प्रतिशत थी जबकि मेड-अप के लिए यह 8.2 प्रतिशत तक थी।

इस निर्णय के बारे में कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि योजना को आगे बढ़ाये जाने से निर्यातकों को सभी देय कर प्राप्त करने और उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना क्षेत्र में सकारात्मक भावनाओं को वापस लाने और भारतीय कपड़ा मूल्य श्रृंखला को अगले तीन साल में 100 अरब डॉलर का सालाना निर्यात हासिल करने में मदद करेगी।’’

शक्तिवेल ने यह भी कहा कि योजना लाखों की संख्या में नये रोजगार सृजित करने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय साबित होगी।

सरकार ने योजना के लाभों को एक जनवरी, 2021 से मार्च 2024 तक बढ़ा दिया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार यह विश्व स्तर पर स्वीकृत सिद्धांत है कि करों और शुल्कों का निर्यात नहीं किया जाना चाहिए ताकि निर्यातकों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में समान अवसर उपलब्ध हो सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारततमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान और निकोबार में बढ़ी SIR की समयसीमा, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

क्राइम अलर्टBallia Crime News: मौसी के घर आता था आफताब, बहन को अगवा कर किया दुष्कर्म, 2 दिन बाद पुलिस ने कराया मुक्त?

कारोबारएप्पल ने नोएडा में अपना पहला स्टोर खोला, जानें कस्टमर्स के लिए ऑफर, वर्कशॉप और टाइमिंग

क्रिकेटअंडर19 क्रिकेट विश्व कप 2026ः ऑस्ट्रेलिया टीम को विश्व विजेता बनाएंगे भारत, श्रीलंका और चीन के खिलाड़ी?, देखिए 15 सदस्यीय टीम

भारतछत्तीसगढ़ ट्रेन दुर्घटना जांच: परीक्षा में फेल और ट्रेन चलाते समय फोन पर लेता था जानकारी?, रेलवे ने अयोग्य लोको पायलट को किया नियुक्ति, 12 की मौत और 19 यात्री घायल

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार3–5 दिसंबर की रद्द फ्लाइट्स पर लागू, 5000 से 10000 रुपये तक यात्रा ‘वाउचर’?, इंडिगो ने यात्रियों को दी राहत

कारोबारPetrol Diesel Price Today: कहां सस्ता और कहां महंगा मिल रहा ईंधन, जल्द से जल्द यहां करें चेक

कारोबार31 दिसंबर से पहले इन कामों को जरूर कर लें पूरा, वरना दोबारा नहीं मिलेगा मौका

कारोबारIndiGo Cancellation Chaos: 10 दिन में इंडिगो की 4,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, 1000 करोड़ रुपये का नुकसान?, दिल्ली बाजार संगठनों का दावा-25 प्रतिशत की गिरावट?

कारोबारएसयूवी मॉडल 'सेल्टोस' का नया अवतार, 11 दिसंबर की आधी रात से बुकिंग, 25,000 रुपये देकर करें बुक, आखिर क्या है फीचर्स और क्यों खास?