कलाकार-सैफ अली खान,सोनाक्षी सिन्हा,मानव विज,दीपक डोबरियाल,जोया हुसैननिर्देशक-नवदीप सिंहस्टार-2.5/3
‘आदमी के पैदा होते ही काल अपने भैसे पर चढ़कर चल पड़ता है उसे लिवाणे, आदमी की जिंदगी उत्ती, जित्ता समय उस भैसे को लगा उस तक पहुंचने में’, ये डायलॉग सैफ अली खान की नई फिल्म लाल कप्तान का है जो इन दिनों फैंस की जुबांन पर चढ़ा हुआ है। फिल्म काल पर बनी है, कि सबका काल तय है। निर्देशक नवदीप सिंह ने फिल्म में जीवन-मरण के च्रकव्यूह को पेश किया है। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म-
फिल्म की कहानी
1764 में बक्सर युद्ध के बाद 18वीं सताब्दी में जब अंग्रेज अपनी जड़ें भारत में जमा रहे थे।मराठे, रुहेलखंडी, नवाब सब एक-दूसरे से लड़ रहे थे। हर ओर मार का काट मची हुई थी। एक वन मैन आर्मी सरीखा नागा साधु (सैफ अली खान), जिसे सब गोसांई बोलते हैं, सालों से एक क्रूर, धोखेबाज, मौकापरस्त शासक रहमत खान (मानव विज) की तलाश में होता है। साधु का रहमत खान से बदला लेा मकसद है।फ्लैशबैक से पता लगता है कि एक बच्चे और एक आदमी को रहमत के कारण फांसी हो जाती है। इससे पता लगता है वो बच्चा कोई और नहीं सैफ ही है, लेकिन कंफ्यूजन यहां होता है कि जब बच्चे को फांसी होती तो फिर वह गोसांई कहां से बन जाता है।गोसांई दो बार मौका मिलने पर भी रहमत को मारता क्यों नहीं है ।फिल्म में एक खबरी (दीपक डोबरियाल) भी है, जो पैसों के लिए गंध सूंघकर जासूसी करता है। वहीं, एक मिस्ट्री वुमन (जोया हुसैन) भी है, जिसकी अपनी ट्रैजिडी है। फिल्म कंफ्यूजन से भरी है इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए आपको फिल्म थिएटर में देखनी होगी।
एक्टिंग
नागा साधू के रोल में सैफ ने शानदार एक्टिंग की है। सैफ ने अपने रोल के साथ इंसाफ किया है। मानव विज भी हमेशा की तरह से शानदार एक्टिंग करते नजर आए हैं। दीपक डोबरियाल और सोनाक्षी सिन्हा को रोल काफी कम लेकिन दोनों ने अपने रोल के साथ न्याय करने की कोशिश की है।
कैसी है फिल्म
फिल्म थोड़ी सुस्स है। इसमें रोमांचक ट्विस्ट आपको देखने को नहीं मिलेंगे। अगर फिल्म थोड़ी छोटी होती तो ज्यादा बेहतर होता। सैफ अली खान ने फिल्म में बेहतरीन परफार्म दी है।जोया हुसैन ने अपने किरदार से न्याय किया है। मानव विज की क्रूरता उनके शब्दों और ऐक्शन में ज्यादा दिखती है।