नई रिपोर्ट में बताया गया था कि जहां भारत ने पिछले दस वर्षो में यानी 2005-06 से 2015-16 तक अपनी गरीबी (55 प्रतिशत से 28 प्रतिशत) आधी खत्म कर ली वहीं कुछ राज्य जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश अभी भी घिसटते हुए चल रहे हैं।
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पूरे शरीर में कंपन तनाव पैदा कर सकता है और कई बार तो शरीर के अंगों को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है, जिसमें दृष्टि का धुंधला होना, उनींदापन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, अनिद्रा, सिरदर्द या पेट संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
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अब हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने द्विपक्षीय सहमति से होने वाले शारीरिक संबंध की छूट दे दी है. इसे कानून और नीतिशास्त्नों में अभी तक अनैतिक कहा जाता रहा है.
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Bhagat Singh Jayanti: भगत सिंह की चिंता अंग्रेजों को भगाने तक सीमित नहीं थी। आजादी के बाद भारत के निर्माण पर भी वे विचार करते रहे। वे लिखते हैं कि आजादी तो मिलेगी लेकिन विचार करना होगा कि हम भारत में किस तरह का समाज बनाएंगे।
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अब स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जो पहले प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल के रूप में जाने जाते थे व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में अध्यापन व शोध कर चुके हैं, गंगा को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाए हुए हैं।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में ‘सोशल मीडिया’ का रोल बहुत अधिक बढ़ गया है। वह झूठी और मनगढंत कहानियां बनाकर दिखाता रहता है जिससे मतदाता प्रभावित हो जाते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। 26 से अधिक लोक-कल्याणकारी योजनाओं के तहत पहले से ही 50 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
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राजनीति के पूर्ण शुद्धिकरण का बीड़ा जब तक कोई गांधी और लोहिया-जैसा नेता नहीं उठाएगा, राजनीति के बारे में जो कहा जाता है, वह सच ही बना रहेगा कि ‘‘राजनीति गुंडों का सर्वश्रेष्ठ शरण-स्थल है। ’’
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वीडियो में इसे भागवत की एक और विशेषता बताया गया था। लेकिन जांच करने पर पता चला कि वस्तुत: भागवत नहीं, अनिल ओक नाम का कोई और व्यक्ति राष्ट्र-भक्ति की वह धुन बजा रहा था।
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