कांग्रेस घोषणापत्र की ‘न्याय’ (न्यूनतम आय) योजना भले हीं फिलवक्त एक वादा हो, पर यह प्रभावित कर रहा है सभी गरीबों को, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, समुदाय या पेशे के हों. नतीजतन भाजपा को अपनी रणनीति पुराने ढर्रे पर लानी मजबूरी हो गई. यही वजह थी कि भाजप
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विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट बताती है कि आने वाले 20-25 सालों में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की संख्या 60 से अधिक हो जाएगी जिनका देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 70 प्रतिशत होगा. अब किसी भी शहर में जाएं कुछ दशक पहले तक जहां पानी लहलहाता था, अब
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2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर भारत में भेजे हैं. भारत के बाद चीन का नंबर आता है. चीन में प्रवासी चीनियों द्वारा 67 अरब डॉलर भेजे गए हैं.
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निहत्थे आम आदमी ने नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों बस्तर (छग), चंद्रपुर और गढ़चिरोली के साथ-साथ भंडारा-गोंदिया में भी वोट की ताकत दिखा दी.
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मशहूर रोमन आरेटर माकर्स टयूलियस सिसेरो को आईपीएल से जोड़कर शायद ही देखा जाता हो, लेकिन 2000 साल पहले कहे गए उनके शब्द आज भी चेन्नई और मुंबई के आगे प्रासंगिक हैं।
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अपनी खास विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए घोषणापत्न अंतत: समाज की भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का दावा जाहिर करते हैं. लेकिन गौर से देखने पर इन घोषणापत्नों में स्त्रियां नदारद सी हैं.
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अब कांग्रेसी दावा करेंगे कि मोदी पाकिस्तान के प्रेमी हैं और पाकिस्तान उनका प्रेमी है. इसीलिए पाकिस्तान चाहता है कि वे चुनाव जीत जाएं. मोदी को पाकिस्तान-प्रेमी बताकर कांग्रेस उनके वोटों को खींचने की भरपूर कोशिश करेगी.
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पिछले चुनाव में इसी गठबंधन को 330 से ज्यादा सीटें मिली थीं, जो 3 दशकों में मिला किसी दल को सबसे बड़ा जनादेश था. हालांकि जनमत सर्वेक्षण मतदाता को गुमराह कर निष्पक्ष चुनाव में बाधा भी बनते हैं.
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सौ साल पहले उठाया गया रौलेट एक्ट वाला कदम हर दृष्टि से गलत था. गांधीजी के नेतृत्व में उस काले कानून का विरोध करके हमने एक गलत को सही करने की मांग की थी. आज भी हमारी चुनी हुई सरकार यदि कुछ गलत करती है, हमारा नेतृत्व कुछ गलत करता है तो उसका प्रतिरोध जर
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