जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः विदेशों से धन बरसाते भारतीय

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 12, 2019 07:23 AM2019-04-12T07:23:38+5:302019-04-12T07:23:38+5:30

2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर भारत में भेजे हैं. भारत के बाद चीन का नंबर आता है. चीन में प्रवासी चीनियों द्वारा 67 अरब डॉलर भेजे गए हैं.

Blog of Jayantilal Bhandari: Indians money from foreign countries | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः विदेशों से धन बरसाते भारतीय

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः विदेशों से धन बरसाते भारतीय

हाल ही में 9 अप्रैल को जारी विश्व बैंक की माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ रिपोर्ट के मुताबिक विदेश से अपने देश में धन भेजने के मामले में भारतीय एक बार फिर सबसे आगे रहे हैं. 2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर भारत में भेजे हैं. भारत के बाद चीन का नंबर आता है. चीन में प्रवासी चीनियों द्वारा 67 अरब डॉलर भेजे गए हैं. रिपोर्ट बताती है कि पिछले तीन वर्षो में विदेश से भारत को भेजे गए धन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है. यह 2016 में 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया था.इस समय एक ओर जब दुनिया के कोने-कोने में भारतवंशियों में देश के प्रति स्नेह भाव और आकर्षण बढ़ा है और वे अपनी कमाई का एक बड़ा भाग विदेशी मुद्रा में भारत भेज रहे हैं तब दूसरी ओर भारत के द्वारा भी प्रवासी भारतीयों की समस्याओं पर अधिक ध्यान देना होगा. 

वस्तुत: दुनिया के सारे प्रवासी भारतीय बहुत धनी नहीं हैं. अधिकांश देशों में इनकी आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है. खासतौर से विभिन्न खाड़ी देशों में लाखों कुशल-अकुशल भारतीय  श्रमिक इस बात से त्रस्त हैं कि वहां पर इन्हें न्यूनतम वेतन और जीवन के लिए जरूरी उपयुक्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. विश्व विख्यात एनजीओ कॉमन वेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएिटव ने खाड़ी देशों में कार्यरत भारतीय कामगारों की मुश्किलों और विपरीत परिस्थितियों में काम करने संबंधी जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है, वह बेहद चिंताजनक है. रिपोर्ट के अनुसार खाड़ी देशों में 2012 से 2018 के मध्य तक, बहरीन, ओमान, कतर, कुवैत, सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात में औसतन प्रतिदिन 10 भारतीय कामगार प्रतिकूल और अस्वास्थ्यपूर्ण परिस्थितियों में काम करने के कारण मौत के शिकार हुए हैं. इसी तरह कई विकसित देशों में प्रवासी भारतीयों के लिए वीजा कानूनों में कठोरता के कारण मुश्किलें बढ़ गई हैं.  

हमें प्रवासियों की मुश्किलों से संबंधित आर्थिक-सामाजिक मुद्दे मजबूती से उठाना चाहिए. विकसित देशों में प्रवासियों की वीजा संबंधी मुश्किलों को कम करने में भी मदद करनी होगी. खासतौर से भारत को खाड़ी देशों से बातचीत कर कामगारों की बेहतरी के लिए तुरंत पहल करनी चाहिए. चूंकि विदेशों से आ रही कमाई का करीब आधा भाग केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश प्रवासियों से संबंधित है और इन प्रदेशों में कामगारों की कुशलता और  कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाता है, वैसे ही देश के अन्य प्रदेश भी यदि कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान देंगे तो कुशल कामगार तैयार  होंगे, जो विदेशों में अधिक कमाई कर सकेंगे.

Web Title: Blog of Jayantilal Bhandari: Indians money from foreign countries

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