वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: इमरान का इरादा क्या है?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: April 11, 2019 07:13 AM2019-04-11T07:13:17+5:302019-04-11T07:13:17+5:30
अब कांग्रेसी दावा करेंगे कि मोदी पाकिस्तान के प्रेमी हैं और पाकिस्तान उनका प्रेमी है. इसीलिए पाकिस्तान चाहता है कि वे चुनाव जीत जाएं. मोदी को पाकिस्तान-प्रेमी बताकर कांग्रेस उनके वोटों को खींचने की भरपूर कोशिश करेगी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बड़ा मजेदार बयान अखबारों में छपा है. उनका कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी की जीत हो गई और वे प्रधानमंत्री बन गए तो कश्मीर का मसला हल हो सकता है. एक दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी भारतीय सरकार कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ आत्मविश्वास से बात कर सकती है और यदि कांग्रेस जीत गई तो वह पाकिस्तान से बात करने में ङिाझकेगी. इमरान के इस बयान पर क्या कहा जाए? किस मंशा से यह बयान दिया गया है? मोदी को हराने के लिए या जिताने के लिए?
अब कांग्रेसी दावा करेंगे कि मोदी पाकिस्तान के प्रेमी हैं और पाकिस्तान उनका प्रेमी है. इसीलिए पाकिस्तान चाहता है कि वे चुनाव जीत जाएं. मोदी को पाकिस्तान-प्रेमी बताकर कांग्रेस उनके वोटों को खींचने की भरपूर कोशिश करेगी. यदि अटलजी मुशर्रफ के साथ कायदे की बातचीत कर पाए थे और भारत-पाक थल-मार्ग को खोल पाए थे तो वही काम भाजपा के दूसरे नेता से भी अपेक्षित हो सकता है. कुछ अन्य चैनलों के जरिए दोनों नेताओं में संपर्क बना हुआ था. क्या मोदी के पास इस तरह के संपर्क हैं?
इसमें शक नहीं कि इस समय पाकिस्तान भयंकर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. डॉलर की कीमत 150 रु . तक पहुंच गई है. उसका व्यापारिक असंतुलन 30 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. उसकी विकास दर 2019 में 5.2 प्रतिशत से घटकर 3.9 रह जाएगी. इस साल 10 लाख रोजगार घटेंगे और 40 लाख नए लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे. इमरान खान जैसे व्यक्ति को चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के सामने बार-बार झोली फैलानी पड़ रही है. एशियन बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी हाथ ऊंचे कर दिए हैं.
अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं पर दबाव डाल रहा है कि वे पाकिस्तान की मदद नहीं करें. इमरान सरकार आतंकी गिरोहों पर सख्ती करती हुई दिखाई पड़ रही है लेकिन कश्मीर पर बातचीत का सिलसिला भारतीय चुनावों के बाद ही शुरू होगा.