यह बात सच है कि हमारा देश सभी क्षेत्रों में लगातार प्रगति करता चला जा रहा है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद देश की आबादी का करीब 22 फीसदी हिस्सा अभी भी अक्षर ज्ञान से दूर है। शिक्षा पर
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आत्महत्या करने वाले सज्जन चाहते तो वे इसका भी विरोध कर सकते थे लेकिन विरोध का यह भी क्या तरीका है कि कोई आदमी अपनी या किसी की हत्या कर दे! जो अहिंदीभाषी हिंदी नहीं सीखना चाहें, उन्हें पूरी स्वतंत्रता है लेकिन वे कृपया सोचें कि ऐसा करके वे अपना कौनसा
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सीएजी, सीवीसी, सीआईसी और यहां तक कि सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया है, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता होते हैं. चुनाव आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए ऐसी कोई चयन प्रक्रिया नहीं है.
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असम और मेघालय के बीच 884 किलोमीटर की साझा सीमा के 12 हिस्सों में लंबे समय से विवाद है. इसी साल मार्च में मार्च में 12 में से छह क्षेत्रों में विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
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इतिहास गवाह है कि औपनिवेशक दौर में पश्चिम से लिए गए विचार, विधियां और विमर्श अकेले विकल्प की तरह दुनिया के अनेक देशों में पहुंचे और हावी होते गए। ऐसा करने का प्रयोजन 'अन्य' के ऊपर आधिपत्य था।
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असम के महान सेनापति लाचित बरफुकन की 400 वीं जयंती पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय इतिहास को फिर से लिखा जाना चाहिए। यही बात कुछ दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी कही थी।
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आपको बता दें कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद भारत के साथ आजाद हुए कुछ देशों में सैन्य तानाशाही उभरी तो कहीं एकदलीय शासन काबिज हो गया था। लेकिन भारत ने बहुत सी आशंकाओं को गलत साबित किया है।
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फीफा विश्व कप प्रतियोगिता में जर्मनी पर जीत के बाद जापानी प्रशंसकों ने जहां स्टेडियम की सफाई की, वहीं खिलाड़ियों ने भी ड्रेसिंग रूम साफ किया। जर्मनी पर फतह के बाद जापानी विजयी उन्माद से बचते रहे और स्टेडियम को चमकाकर ही बाहर आए।
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