बेंगलुरु में धोती और कुर्ता पहने किसान को शापिंग मॉल सह सिनेमाघर में जाने से रोके जाने की घटना दिखाती है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी हमारे देश के कुछ वर्गों में औपनिवेशिक मानसिकता किस कदर हावी है. ...
जैसे ही प्रकृति ने अपना आशीष बरसाया और ताल-तलैया, नदी-नाले उफन कर धरा को अमृतमय करने लगे, अजीब तरह से समाज का एक वर्ग इसे जल प्रलय, हाहाकार जैसे शब्दों से निरूपित करने लगा. ...
तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र ही एकमात्र ऐसा राज्य रहा, जहां एआईएमआईएम को अच्छा समर्थन मिला और दूसरे राज्यों की तुलना में यहां बेहतर स्थिति रही. इस दौरान वर्ष 2015 में बिहार के विधानसभा चुनाव में उसका कोई प्रभाव दर्ज नहीं हुआ. ...
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे में गनीमत है कि ट्रेन के कोच एलएचबी थे, जिससे वे एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़े, वरना जान-माल के भारी नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था। ...
Maratha Community Reservation: करीब सवा दशक से महाराष्ट्र की राजनीति में अपने कदम जमाने की कोशिश में लगे ओवैसी को बार-बार दो कदम आगे और दो कदम पीछे होना पड़ रहा है. ...
2014 के बाद भाजपा में पहली बार इतना अंतर्कलह दिख रहा है, वह भी खुल कर. नेता या विधायक अपने बयान देकर भले यू-टर्न ले लें लेकिन जो कह दिया वह तो राजनीतिक वायुमंडल में तैरता ही रहता है. हालांकि भाजपा में अपने प्रदर्शन और संगठन दोनों को लेकर मंथन जारी है ...
चुनाव में अपने वोट बैंक को मजबूत बनाने और उसका आधार बढ़ाने की सत्ताधारी दलों की मंशा पर सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के एक महत्वपूर्ण फैसले से अंकुश लग जाना चाहिए. ...
BJP Lok Sabha and by-election defeats: प्रधानमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झामुमो) से मुलाकात की, जिन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों ने जेल भेज दिया था, जो कि एक तरह से पहली बार था. ...
वाणी संयम पर प्राचीन काल से ही जोर दिया जाता रहा है, क्योंकि आदमी जब ज्यादा बोलने लगता है तो कुछ भी अनाप-शनाप बोल जाता है और उसे होश भी नहीं रहता कि आखिर बोल क्या रहा है. ...