दुर्भाग्य से, लोग (मतदाता) सार्वजनिक निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की मांग न करके इसे हल्के में ले रहे हैं. अंग्रेजों के जमाने के कई पुल सौ साल बाद भी आज कैसे शान से खड़े हैं? ...
‘छत्तीसगढ़ मित्र’ पत्रिका केवल तीन साल ही निकल सकी किंतु उसने दस पुस्तकों की विस्तृत समालोचना की और सत्रह पुस्तकों पर परिचयात्मक टिप्पणियां प्रकाशित कीं. ...
पांच भारतीय भाषाओं- हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज होने वाली यह फिल्म योगी को अनुशासन, त्याग और मजबूत शासन के प्रतीक के रूप में पेश करना चाहती है. ...
इस बात की पूरी आशंका है कि इसके लिए कुछ बड़े गिरोह काम कर रहे होंगे. अभी तो चर्चा केवल बिहार के चार जिलों को लेकर शुरू हुई है जिनकी डेमोग्राफी बदल गई है. अभी दिल्ली से लेकर मुंबई और कोलकाता की तो बात ही नहीं हो रही है जहां के बारे में यही पता नहीं है ...
Bihar voter verification: क्या 22-23 वर्ष के बाद मतदाता सूची की गहनता से जांच परख नहीं होनी चाहिए? अगर चुनाव आयोग ने इसके लिए आवश्यक जनसंपर्क और आधार कार्य नहीं किया तो आलोचना होगी. ...
पायलटों का जो दो लाइन का संवाद है, उसे सहज भाव से देखें तो वास्तव में कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता, इसलिए आधी-अधूरी जानकारी के बल पर कोई धारणा बनाने के बजाय विस्तृत रिपोर्ट के आने का इंतजार करना ही बेहतर होगा. ...
भारत के मानस का वि-उपनिवेशीकरण शिक्षा में भारतीय दृष्टि की विवेकपूर्ण संगति के सिवाय कोई और मार्ग नहीं है. भारत की शिक्षा को भारतीय दृष्टि में स्थापित करने का परिणाम भारत और विश्व दोनों के ही हित में होगा. ...