अंग्रेजों के दमन चक्र के बावजूद अगर स्वतंत्रता संग्राम की लौ धीमी नहीं पड़ी तो उसका सबसे बड़ा कारण अनुशासन था। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें किसी हथियार का उपयोग नहीं किया गया और देशवासियों ने एकजुटता एवं अनुशासन की अभूतपूर्व मिसाल विश्व के सामने पेश की। ...
जहां 76 वर्ष पहले आजादी के समय दुनिया में भारत को सांप-संपेरों के देश की पिछड़ी हुई अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाना जाता था, वहीं आजादी के बाद 76 वर्षों में भारत ने आर्थिक क्षेत्र के विभिन्न मोर्चों पर कदम-कदम आगे बढ़कर विकास के इतिहास रच दिए हैं. ...
‘स्वतंत्रता’ शब्द सुन कर अक्सर मन में सबसे पहले बंधनों से मुक्ति का भाव आता है। इस स्थिति में किसी तरह के बंधन नहीं रहते और प्राणी को स्वाधीनता का अहसास होता है। ...
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लगातार दसवीं बार तिरंगा ध्वज फहराएंगे और फिर देश को संबोधित करेंगे। देश के प्रधानमंत्री के तौर पर लाल किले से सबसे ज्यादा 17 बार तिरंगा पंडित जवाहरलाल नेह ...
हाल ही में जब पुणे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया, तब भी कुछ बातें हवा में उड़ने लगी थीं। हालांकि उस दौरान मंच पर एक तरफ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे उपस्थित थे। ...
देश आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस देश के निवासी विभाजन की विभीषिका को समझें ताकि विभाजनकालीन इतिहास और परिस्थिति के प्रति सतर्क एवं जागरूक रहें। ...
जरा सोचिए कि यदि हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा उठ खड़ा होता तो क्या किसी गजनी, किसी तैमूर या किसी नादिर की औकात होती कि वह सोने की चिड़िया को लहूलुहान करके जाता? हजारों-हजार लोगों का कत्लेआम करके जाता? या फिर ईस्ट इंडिया कंपनी हम पर कब्जा कर लेती और हम ब ...
बता दें कि देश के कोने-कोने में वन विभाग के साथ वाइल्डलाइफ एसओएस पीड़ित और गैरकानूनी रूप से बंधक हाथियों को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाते हैं और कई जगहों पर हाथी संरक्षण केन्द्र भी चलाए जा रहे हैं। ...