लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: January 19, 2024 11:10 AM

सरकार को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में छात्रों को डिजिटल उपकरण, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल सामग्री प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सरकार को शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।

Open in App

‘असर’ यानी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट-2023 के आने के बाद एक बार फिर देश की शिक्षा व्यवस्था पर कई प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। कोरोना के कारण शिक्षा पर क्या असर पड़ा, यह किसी से छुपा नहीं है। ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से बच्चों की शारीरिक क्षमता पर असर पड़ने लगा, जिस पर कई सवाल भी खड़े किए गए। लेकिन जब स्कूल खुले तो अभिभावकों और छात्रों का उत्साह देखने लायक था।

हालांकि ग्रामीण भारत के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ पाने तक की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में बच्चों की मानसिक, शारीरिक क्षमता पर कितना असर पड़ा या पढ़ने और समझने की क्षमता में कितना बदलाव हुआ, इन सबको लेकर पूरे चार साल के बाद ‘असर’ रिपोर्ट सामने आई है जो अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था को भी सोचने पर बाध्य करती है। असर रिपोर्ट के लिए 26 राज्यों के 28 जिलों में 14 से 18 आयु वर्ग के 34745 बच्चों पर सर्वेक्षण किया गया है।

इसमें 3 से 16 वर्ष तक की आयु वाले छह लाख से अधिक बच्चों को शामिल किया गया, ताकि उनकी स्कूली शिक्षा की स्थिति दर्ज की जा सके और उनकी बुनियादी पढ़ाई और समझ का आकलन किया जा सके। रिपोर्ट के नतीजे बहुत अच्छे नहीं हैं। कोरोना के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद थे, जिसके बाद बच्चों की बुनियादी साक्षरता, समझ और आकलन करने की क्षमता में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यह सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों पर लागू होता है।

देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी, कम सरकारी व्यय आदि जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। केंद्रीय बजट 2023 के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में भारत का शिक्षा खर्च केवल 2.9 प्रतिशत है। जाहिर है यह स्कूली आबादी की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। संसाधनों की कमी, खराब प्रशिक्षित शिक्षकों और पुरानी शिक्षण पद्धतियों के कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता अक्सर खराब होती है। दूसरी ओर, निजी स्कूल अक्सर कई परिवारों के लिए बहुत महंगे होते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता के बीच बहुत बड़ा अंतर है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की संसाधनों तक पहुंच कम होती है और उन्हें अक्सर अप्रशिक्षित या कम योग्य शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता है। देश के कई हिस्सों में, बच्चे घर पर उस भाषा से भिन्न भाषा बोलते हैं जिसमें उन्हें स्कूल में पढ़ाया जाता है। इससे उनके लिए सीखना मुश्किल हो सकता है और सीखने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। देश में कई स्कूलों के पास कम्प्यूटर और इंटरनेट सहित नवीनतम तकनीक तक पहुंच नहीं है। देश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार को खासकर सरकारी स्कूलों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।

सरकार को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में छात्रों को डिजिटल उपकरण, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल सामग्री प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सरकार को शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी करना, नियमित मूल्यांकन करना और शिक्षकों और स्कूल प्रशासकों को उनके प्रदर्शन के लिए जवाबदेह बनाना शामिल होना चाहिए। 

टॅग्स :एजुकेशनशिक्षा मंत्रालयSchool Education
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टGujarat 2 Students Molesting: शिक्षक ने की 'गंदी बात', एफआईआर दर्ज

भारतCBSE 12th Result 2024: मेरिट लिस्ट नहीं, 116145 छात्रों को 90 फीसदी, 24068 छात्रों को मिले 95 फीसदी से अधिक अंक

भारतDelhi High Court: 'एसी में बच्चे पढ़ेंगे, पेरेंट्स को उठाना होगा खर्च', कोर्ट ने कहा

भारतDelhi School News: स्कूल में चाहिए AC तो माता-पिता खर्च वहन करें, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, इस याचिका को किया खारिज

ज़रा हटकेViral Video: स्कूल में लेट पहुंचने के लिए प्रिंसिपल ने महिला टीचर को पीटा, वीडियो इंटरनेट पर वायरल, देखिए

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha election 2024 Phase 5: चार चरण में कम वोट से सभी दल परेशान!, 5वें फेस में 20 मई को वोटिंग, छठे चरण को लेकर एनडीए और महागठबंधन ने झोंकी ताकत

भारतLok Sabha Election 2024 5th phase: 355 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज, सबसे ज्यादा दागी सपा और एआईएमआईएम के

भारतट्रेन की लाइव लोकेशन जानने के लिए बेस्ट हैं ये ऐप्स, टाइम टेबल की भी पूरी जानकारी मिलेगी, देखें लिस्ट

भारतस्वाति मालीवाल मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को किया अरेस्ट, जानें 'आप' ने क्या कहा

भारतप्रज्वल रेवन्ना मामले में एचडी देवेगौड़ा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'और भी लोग' शामिल'