Delhi High Court: 'एसी में बच्चे पढ़ेंगे, पेरेंट्स को उठाना होगा खर्च', कोर्ट ने कहा

By धीरज मिश्रा | Published: May 6, 2024 03:57 PM2024-05-06T15:57:46+5:302024-05-06T15:59:44+5:30

Delhi High Court: यदि आपके बच्चे स्कूल की एसी में पढ़ाई कर रहे हैं तो एसी का खर्चा आपको उठाना होगा। एसी का खर्चा सिर्फ स्कूल प्रबंधन नहीं उठाएगा। स्कूल प्रबंधन इस बाबत महीने में आपसे एसी शुल्क ले सकता है।

Delhi High Court School Facilities Charges School students parents | Delhi High Court: 'एसी में बच्चे पढ़ेंगे, पेरेंट्स को उठाना होगा खर्च', कोर्ट ने कहा

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Highlightsदिल्ली हाई कोर्ट ने निजी स्कूल में एसी शुल्क के खिलाफ याचिका खारिज कर दीयाचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि 2,000 रुपये मासिक एसी शुल्क अनुचित हैकोर्ट ने एसी शुल्क की तुलना लैब और स्मार्ट क्लास शुल्क जैसे अन्य स्कूल शुल्क से की

Delhi High Court: यदि आपके बच्चे स्कूल की एसी में पढ़ाई कर रहे हैं तो एसी का खर्चा आपको उठाना होगा। एसी का खर्चा सिर्फ स्कूल प्रबंधन नहीं उठाएगा। स्कूल प्रबंधन इस बाबत महीने में आपसे एसी शुल्क ले सकता है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट एक याचिका पर टिप्पणी की। कोर्ट ने एक याचिका को खारिच करते हुए कहा कि स्कूल में एसी का खर्च, वहां पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स को उठाना होगा। एसी बच्चों की सुविधा के लिए लगाया जाता है। इसलिए इसका आर्थिक बोझ अकेले स्कूल मैनेजमेंट पर नहीं डाला जा सकता है। कोर्ट के इस फैसले से निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों की जेब और ढीली होने वाली है।

यहां बताते चले कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता मनीष गोयल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि महाराजा अग्रसैन पब्लिक स्कूल द्वारा एसी के लिए 2,000 रुपये मासिक शुल्क अनुचित था और उन्होंने शिक्षा निदेशालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। उन्होंने आगे दावा किया कि छात्रों पर यह शुल्क लगाना दिल्ली स्कूल शिक्षा नियम, 1973 के नियम 154 के विपरीत है। हालांकि, याचिकाकर्ता की बातों से दो न्यायाधीश पीठ मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा असहमत थे। अदालत ने एसी शुल्क की तुलना स्कूलों द्वारा लगाए गए अन्य शुल्कों से करते हुए कहा कि एयर कंडीशनिंग सुविधा स्कूलों द्वारा लगाए गए लैब और स्मार्ट क्लास शुल्क जैसे अन्य शुल्कों से अलग नहीं है।

न्यायाधीशों ने कहा कि ऐसी सुविधाएं प्रदान करने का वित्तीय बोझ केवल स्कूल प्रबंधन पर नहीं डाला जा सकता है। माता-पिता को स्कूल चुनते समय अपने बच्चों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सुविधाओं की लागत के प्रति सचेत रहना चाहिए। कोर्ट ने याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि यह सुनवाई योग्य नहीं है। 2 मई को अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि स्कूली बच्चों को एयर कंडीशनिंग सेवाएं प्रदान करने की लागत माता-पिता को वहन करना होगा।

Web Title: Delhi High Court School Facilities Charges School students parents

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