भारत के महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने 40 साल पहले इतिहास रच दिया था और इंग्लैंड में भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। प्रकाश पादुकोण ने 40 साल पहले ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था और वह यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
23 मार्च 1980 को जीता था खिताब
प्रकाश पादुकोण ने 23 मार्च 1980 को ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल का खिताब अपने नाम किया था और पहली बार भारत के लिए ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बन गए थे।
1980 में ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला प्रकाश पादुकोण और इंडोनेशिया के धुरंधर बैडमिंटन खिलाड़ी लिएम स्वी किंग के बीच खेला गया। खिताबी मुकाबले में प्रकाश पादुकोण ने लिएम स्वी किंग को सीधे सेटों में 15-3, 15-10 से शिकस्त दी थी।
लगातार दूसरी बार फाइनल में बनाई जगह
प्रकाश पादुकोण ने इसके बाल साल 1981 में भी अपना दबदबा बनाए रखा और लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचे, लेकिन वहां उनको इंडोनेशिया के लिएम स्वी किंग के सामने हार का सामना करना पड़ा। फाइनल मुकाबले में लिएम ने प्रकाश पादुकोण को 11-15, 15-4, 15-6 से हरा दिया।
अब तक सिर्फ दो भारतीय जीत पाए खिताब
अब तक ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब सिर्फ दो भारतीय ही जीत पाए हैं। प्रकाश पादुकोण के बाद साल 2001 में पुलेला गोपीचंद ने पुरुष एकल का खिताब अपने नाम किया था। फाइनल मुकाबले में पुलेला गोपीचंद का मुकाबला चीन के हॉन्ग चेन से था और गोपीचंद ने चीनी खिलाड़ी को 15-12, 15-6 से शिकस्त देकर दूसरी बार भारत को इस प्रतियोगिता की ट्रॉफी दिलाई।
फाइल में पहुंचने वाली पहली महिला भारतीय
भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल इकलौती भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिन्होंने इस टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया है। साइना 2015 में ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ 16-21, 21-14, 21-7 से हार का सामना करना पड़ा।
रणवीर ने शेयर किया इमोशनल मैसेज
प्रकाश पादुकोण की इस ऐतिहास जीत के 40 साल पूरे होने पर रणवीर सिंह एक इमोशनल मैसेज शेयर किया। रणवीर ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, आज ही के दिन 40 साल पहले, प्रकाश पादुकोण ने बैडमिंटन की किस्मत हमेशा के लिए बदल दी थी। उन्होंने लंदन के वेम्बले एरिना में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती, जिससे भारतीय खेलों का इतिहास बना। एक अभूतपूर्व, ऐतिहासिक जीत जो समय के इतिहास में हमेशा के लिए चमकती रहेगी।
इससे पहले दीपिका पादुकोण ने भी अपने पिता के लिए एक मैसेज शेयर किया था। दीपिका ने ट्विटर पर लिखा था, 'पापा, बैडमिंटन और भारतीय खेल के लिए आपका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यह योगदान अतुलनीय है। आपके अंदर दूसरों को प्रेरित करने वाला समर्पण, अनुशासन, प्रतिबद्धता और सालों की कड़ी मेहनत के लिए ढेर सारा आभार...हम सभी आपसे बहुत प्यार करते हैं। हमें आप पर गर्व है, आपको ढेर सारा आभार...'