नई दिल्ली, 10 जून: भारत के पहले बैडमिंटन स्टार प्रकाश पादुकोण का आज जन्मदिन है। बेंगलुरु के रहने वाले प्रकाश का जन्म 10 जनवरी, 1955 को हुआ था। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के पिता प्रकाश के खेल ने एक समय पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने बैडमिंटन के कोर्ट में कई ऐसे कारनामे किए जो आज भी मिसाल है। आईए, हम आपको बताते हैं प्रकाश पादुकोण से जुडी कुछ खास बातें...
1. करियर के पहले मैच में मिली हार: प्रकाश को बै़डमिंटन के खेल में करियर बनाने की प्रेरणा देने का श्रेय उनके पिता रमेश पादुकोण को जाता है जो कई सालों तक मैसूर बैडमिंटन असोसिएशन में सचिव रहे। प्रकाश ने पहला टूर्नामेंट 1962 में खेला था। तब उन्होंने कर्नाटक जूनियर चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और पहले ही राउंड में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, प्रकाश ने हार नहीं मानी और दो साल बाद राज्य का जूनियर खिताब अपने नाम किया।
2.ऑल इंग्लैंड ओपन जीतने वाले पहले भारतीय: वह 23 मार्च, 1980 का दिन था। इंडोनेशिया के लियेम स्वी किंग पिछले दो साल से ये खिताब जीत रहे थे और वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी थे। उन्हें 1980 का भी बड़ा दावेदार माना जा रहा था। लेकिन प्रकाश ने बड़ा उलटउफेर किया और ऐसा करने वाला पहले भारतीय बने। साथ ही प्रकाश वर्ल्ड नंबर-1 बनने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने। (और पढ़ें- भारतीय अंडर-19 टीम जुलाई में करेगी श्रीलंका दौरा, जानिए पूरा कार्यक्रम)
3.प्रकाश को मिला पद्मश्री अवॉर्ड: प्रकाश पादुकोण को 1972 में उनके शानदार खेल के लिए अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद 1982 में भारत सरकार ने उन्हें चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया।
4. प्रकाश पादुकोण का शानदार करियर: 1970 और 80 के दशक में अपने करियर में चरम पर थे। उन्होंने 1978 में अपना पहला मेजर इंटरनेशनल खिताब जीता। इसके बाद 1978 में कनाडा में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद डैनिश ओपन और स्वीडिश ओपन खिताब पर कब्जा जमाकर पूरे यूरोप में अपने खेल का दबदबा कायम किया।
5. नेशनल रिकॉर्ड: प्रकाश पादुकोण के नाम 1970 से 1978 के बीच नेशनल चैम्पियन बने रहने का भी रिकॉर्ड है। (और पढ़ें- सहवाग ने 'हनुमानजी' के अंदाज में लिया सचिन से आशीर्वाद, तस्वीर हुई सोशल मीडिया में वायरल)