वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार। राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक। वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, बीएजी फिल्मस, आज तक, नई दुनिया इत्यादि मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रहे।Read More
भारतीय लोकतंत्न के इस गुलदस्ते की खुशबू क्या थी? सहिष्णुता, असहमति के सुरों का सम्मान और हर हिंदुस्तानी की रगों में दौड़ते खून में देश को आगे ले जाने की हरारत भरी तड़प. हिंदू धर्म का सार यही है. हमारे धर्म ग्रंथ भी यही कहते हैं. ...
सारा देश दुखी है. हर हिंदुस्तानी आहत है. भारतीय लोकतंत्न को मजबूत करने में सेना का योगदान अनमोल है. इस शानदार संस्था ने मुल्क को गर्व के अनेक अवसर दिए हैं ...
अगर किसी राजनीतिक दल को चुनाव में चेहरा सामने रखने से जबरदस्त कामयाबी मिलती है तो धारणा यह बन जाती है कि पार्टी ने नहीं, बल्कि चेहरे ने जीत दिलाई है. ऐसी सूरत में पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जमीन पर संगठन को मजबूत करने की प्राथमिकता को हाशिए पर डाल दे ...
मोरारजी देसाई को अस्सी पार करने के बाद प्रधानमंत्नी बनने का अवसर मिला था. चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिंहराव, इंद्रकुमार गुजराल और डॉ. मनमोहन सिंह जैसे राजनेता 70 साल का होने के बाद हिंदुस्तान के इस सर्वाधिक चमकदार पद पर विराजे और यह कोई बहुत पुरानी बा ...
लोकसभा के पिछले दो-तीन चुनाव इस बात का सबूत हैं कि भारत नई सदी में करवट ले चुका है. यह एक बदला हुआ हिंदुस्तान है. इसमें अब परंपरागत सियासी तौर तरीकों के लिए कोई जगह नहीं है. ...