वरिष्ठ पत्रकार, एकेडमीशियंस रहीस सिंह को पिछले तीन दशकों में पत्रकारिता क्षेत्र में प्रभावी दस्तक देने के साथ शिक्षा के क्षेत्र भी अतुलनीय कार्य के लिए पहचाना जाता है. आपने इतिहास, विदेश नीति, अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध और अर्थनीति से जुड़ी 19 पुस्तकों की रचना की है, जिनका प्रकाशन राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन संस्थानों द्वारा किया गया है.Read More
ऐसा लगता है कि जो बाइडन 9/11 से लेकर अब तक अफगानिस्तान-पाकिस्तान समीकरण को भी याद नहीं रख पा रहे हैं. या फिर वे ऐसा करना नहीं चाहते. फिर तो अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को समाप्त घोषित कर देना चाहिए. ...
अभी रूस और यूक्रेन के जरिये पूर्वी यूरोप, दक्षिणी काॅकेशस और यूरेशिया के भू-क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है। लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं रहनी है। इसका विस्तार मिडिल ईस्ट से लेकर एशिया-प्रशांत तक होना है। ...
चीन के श्वेतपत्र में यह संकेत दिया गया है कि चीन किसी भी कीमत पर ताइवान को मेनलैंड के साथ रियूनिफाई करेगा. इसका सीधा मतलब ये है कि चीन जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग के विकल्प को चुनेगा. ...
अब सवाल यह उठता है कि नैंसी की इस यात्रा से क्या एशियाई भू-राजनीति में नई चुनौतियों और टकरावों का दौर आरंभ होगा? क्या इस एशियाई द्वीप को लेकर यूक्रेनी पटकथा दोहराई जा सकती है? ...
इस समय श्रीलंका सरकार पर विदेशी कर्ज 51 बिलियन डॉलर के आसपास है। अगले वर्ष से लेकर वर्ष 2026 तक उसे 25 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज का भुगतान करना है। इसमें कर्ज का वह हिस्सा शामिल नहीं है जिसे चीन द्वारा दृश्य मद में नहीं दिया गया है। यानी श्रीलंका के डु ...
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच यह युद्ध नहीं लड़ा जा रहा बल्कि यह नई विश्वव्यवस्था में नए जियो-पॉलिटिकल और जियो-इकोनॉमिक हितों को लेकर लड़ा जा रहा है। ...
नई विश्वव्यवस्था कैसी होगी, यह अभी तय नहीं हो पाया है। हां, मोटे तौर पर मॉस्को और वाशिंगटन दो धुरियों के रूप में अवश्य दिख रहे हैं। बीजिंग को किस रूप में स्वीकार किया जाएगा, स्पष्ट नहीं है लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध ने बीजिंग को मॉस्को के निकट ला दिया ह ...