रियाद:सऊदी अरब सरकार ने परीक्षा के दौरान पारंपरिक सऊदी पोशाक अबाया पहनने पर बैन लगा दिया है। यह बैन सऊदी शिक्षा और प्रशिक्षण मूल्यांकन आयोग (ETEC) द्वारा लगाया गया है। यही नहीं आयोग ने यह भी कहा है कि केवल अबाया बैन हुआ है, छात्राओं को स्कूल ड्रेस पहनने पर कोई फैसला नहीं सुना गया है और न ही इसके नियमों में कोई भी बदलाव हुआ है।
ऐसे में इसका मतलब यह हुआ कि छात्राओं को स्कूल में स्कूली ड्रेस पहनना होगा। आयोग के अनुसार, महिलाओं को सभ्य और सम्मानजनक कपड़े पहननी चाहिए। आपको बता दें कि महिलाओं के हक को लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान काफी गंभीर है और यही कारण है कि वे उनके अधिकार के हक में फैसला से रहे है।
आयोग ने क्या फैसला दिया है
आयोग ने 18 दिसंबर को इस बात का एलान किया है कि छात्राओं को परीक्षा के दौरान अबाया या नकाब पहनने पर रोक लगा दी गई है। दरअसल, सऊदी अरब की डालिया नामक एक लड़की ने ईटीईसी को एक ट्वीट किया था जिसमें वह यह सवाल पूछी थी कि क्या परीक्षा के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति है?
आपको बता दें कि उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप और कई मुस्लिम देशों में अबाया पहना जाता है। अबाया हिजाब की तरह ही होता है जो सिर से लेकर पैर तक ढाकता है और यह ढीला भी होता है।
इस पर जवाब देते हुए ईटीईसी ने ट्वीट किया है और इस बात का खुलासा किया है कि परीक्षा के समय हिजाब या अबाया की जरूरत नहीं है। ईटीईसी ने जवाब देते हुए ट्वीट किया और कहा, ''परीक्षा देने के समय लबादा पहनना मना है। परीक्षा स्थलों में शालीनता बनाए रखने के लिए नियमों के अनुरूप ड्रेस कोड का पालन जरूरी है।''
अबाहा के बारे में पहले ही छूट दे चुकी है सरकार
आपको बता दें कि साल 2018 में ही सऊदी सरकार ने यह एलान कर दिया था कि अबाया अब कानूनी रूप से लागू नहीं होगा। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा यह कदम उठाया गया था। यही नहीं सऊदी अरब महिलाओं के अधिकार को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रहा है और इनके हक में फैसले भी ले रहा है।
सरकार ने महिलाओं को सार्वजनिक खेलों में भाग लेने की भी अनुमति दी है साथ में उनके द्वारा कार चलाने के बैन को भी हटा दिाय है। महिलाओं के पेहनावे पर बोलते हुए 2018 में क्राउन प्रिंस ने कहा था कि, ''कानून शरिया (इस्लामी कानून) के कानूनों में बहुत स्पष्ट और निर्धारित हैं कि महिलाएं पुरुषों की तरह सभ्य, सम्मानजनक कपड़े पहनें।''