नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद महिलाओं की शिक्षा पर रोक और उनके कामकाज पर पाबंदी जारी है। हालांकि तालिबान के नेता इस पर पूर्ण पाबंदी से इनकार करते रहे हैं और उनका कहना है कि ये तब तक ही है जब तक देश का माहौल सही नहीं हो जाता।
अब इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकार पर चर्चा करने के लिए विद्वानों की एक टीम भेजने जा रहा है। इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव, हिसैन ब्राहिम ताहा ने मॉरिटानिया में ओआईसी की बैठक के पहले दिन विद्वानों की टीम की घोषणा की।
ओआईसी के महासचिव ने कहा कि संगठन तालिबान के साथ अफगान महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाना जारी रखेगा और संबंधित पहलुओं पर बातचीत के लिए विद्वानों की एक विस्तारित टीम को अफगानिस्तान भेजेगा। बता दें कि अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, देश में महिलाओं की स्थिति और भी बदतर हो गई है। देश में महिलाओं को नेतृत्व के पदों पर जाने की मनाही है और उन्हें तब तक यात्रा करने की अनुमति नहीं है जब तक कि उनके साथ कोई पुरुष साथी न हो।
अफगानिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के प्रवक्ता, जबीउल्लाह मुजाहिद ने देश में महिलाओं के साथ अनुचित तरीके से व्यवहार किए जाने के दावों का खंडन किया है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि महिलाओं के मुद्दों के संदर्भ में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में समस्याओं को हल करने की कोशिश की जा रही है। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक महिला शिक्षा पर स्थायी प्रतिबंध नहीं है, यह तब तक के लिए स्थगित किया गया है जब तक कि उनकी शिक्षा के लिए हम अनुकूल माहौल नहीं बना लेते हैं। तालिबन के प्रवक्ता ने आगे कहा कि वे काफी तेजी के साथ महिलाओं के लिए अनुकूल स्थिति बनाने के लिए काम कर रहे हैं।