ब्रिटेन की कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नेता लॉर्ड नजीर अहमद को लगभग 5 दशक पहले दो बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में दोषी मानते हुए साढ़े पांच साल के जेल की सजा सुनाई है। लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता लॉर्ड नजीर अहमद को यह सजा 70 के दशक में दो लोगों का यौन उत्पीड़न करने के दोषी पाये जाने पर मिली है।
जानकारी के मुताबिक जिस यह वाकया हुआ था, दोनों पीड़ित नाबालिग थे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जन्में नजीर अहमद पाकिस्तान की ओर से 'कश्मीर मुद्दे' को लेकर काफी मुखर रहते हैं। जब नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित धारा 370 को खत्म किया था तो नजीर ने इसकी काफी आलोचना की थी। इसे अलावा नजीर अहमद कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्विटर पर भी काफी मुखर रहते थे।
ब्रिटेन की शेफील्ड क्राउन कोर्ट में जस्टिस लैवेंडर ने अहमद को यौन शोषण का दोषी मानते हुए से कहा, ‘आपके कृत्यों का उस लड़के और लड़की की जिंदगी पर बहुत गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और वे उसी के साथ जी रहे हैं जो आपने कई वर्षों पहले उनके साथ किया था।’
अहमद के खिलाफ आरोपों में उस समय 11 वर्ष की उम्र के एक लड़के ने ‘गंभीर यौन शोषण’ और 16 साल की एक लड़की के साथ नजीर अहमद के द्वारा दो बार बलात्कार का प्रयास किया जाना शामिल था। नजीर अहमद द्वारा यह दोनों ही घटनाएं 1970 के दशक में की गई थीं।
हालांकि कोर्ट में 64 साल के नजीर अहमद ने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए उसे “दुर्भावनापूर्ण कल्पना” का नाम दिया था। नजीर अहमद साल 1969 में अपने पिता के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से यूनाइटेड किंगडम चले गए थे।
नजीर अहमद ने शेफील्ड हॉलम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। उन्होंने रॉदरहैम की एक स्टील कारखानों में काम भी किया था और राजनैतिक रूझान के कारण बाद में लेबर पार्टी में शामिल हो गये थे।
नजीर अहमद को साल 1998 में तत्कालीन प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर के द्वारा हाउस ऑफ लॉर्ड्स में नियुक्त किया गया था। अहमद हाउस ऑफ लॉर्ड्स में नियुक्त होने वाले पहले मुस्लिम थे। साल 2013 में उन्होंने लेबर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और साल 2020 में अहमद ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स से भी इस्तीफा दे दिया था।