(अदिति खन्ना)
लंदन, 21 नवंबर ब्रिटेन में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोग सोमवार से कोविड-19 रोधी टीके की अतिरिक्त खुराक (बूस्टर) के लिए बुकिंग करा सकेंगे। सरकार ने कहा है कि संक्रमण को बढ़ने से रोकने और सर्दियों के मौसम में लॉकडाउन से बचने के लिए टीके की अतिरिक्त खुराक आवश्यक है। गौरतलब है कि महामारी के मामलों में वृद्धि के चलते यूरोप के कई देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है।
ब्रिटिश राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने रविवार को कहा कि टीकाकरण पर सरकार की संयुक्त समिति की नई सलाह के अनुसार टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया गया है और 40 वर्ष से अधिक आयु के लोग टीके की अतिरिक्त खुराक के लिए पात्र होंगे तथा 16-17 वर्ष आयु के लोग टीके की दूसरी खुराक बुक करा सकेंगे।
बूस्टर खुराक के लिए पात्र लोग अपनी दूसरी खुराक के पांच महीने बाद समय ले सकते हैं और छह महीने होते ही तीसरी खुराक लगवा सकते हैं। अभी 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और चिकित्सकीय रूप से संवेदनशील लोगों को यह खुराक लग सकती है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, ‘‘इन सर्दियों में खुद को और अपने परिजनों को सुरक्षित रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका कोविड-19 टीके की बूस्टर खुराक है। इससे एनएचएस पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सभी सुरक्षित रहें, इसके लिए सरकार व्यापक स्तर पर आंकड़ों पर नजर रख रही है, जबकि यूरोप के कुछ हिस्सों में हमने मामलों में दुखद वृद्धि देखी है। अपने देश में मामलों में इस तरह की वृद्धि को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण टीका लगवाना है। इसलिए कृपया जल्द से जल्द अपना टीका लगवाएं ताकि हम वायरस को दूर रख सकें।’’
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने बूस्टर खुराक के प्रभाव पर पहला वैश्विक अध्ययन किया है जिसके आंकड़े बताते हैं कि अतिरिक्त खुराक 50 साल से अधिक आयु के लोगों को लक्षणयुक्त कोविड-19 से 90 प्रतिशत से अधिक सुरक्षा प्रदान करती है।
अध्ययन में सामने आया कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके (भारत में जिसे कोविशील्ड नाम से लगाया जा रहा है) की बूस्टर खुराक लेने के दो सप्ताह बाद 50 साल और इससे अधिक आयु के वयस्कों में लक्षणयुक्त संक्रमण से सुरक्षा 93.1 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, वहीं फाइजर-बायोएनटेक के मामले में यह सुरक्षा 94 प्रतिशत से अधिक हो जाती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।