Udupi Karnataka: मंगलूरु से लगभग 150 किलोमीटर दूर उडुपी जिले के मणिपाल और पेराम्पल्ली इलाके में कुछ घरों के बरामदे एवं अहाते में तेंदुओं के घूमने का वीडियो सामने आने के बाद क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। मंगलूरु क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक डा. वी करिकलन ने बताया कि शुक्रवार रात उडुपी जिले के मणिपाल एवं पेराम्पल्ली इलाकों में तेंदुओं को एक घर के बरामदे में और कुछ अन्य घरों के अहाते में घूमते हुए देखा गया। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि मंगलूरु वन क्षेत्र में पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से प्रति वर्ष शहरी रिहायशी इलाकों में तेंदुओं के आने की चालीस से पचास घटनाएं होती हैं और रिपोर्ट मिलने पर वन विभाग इन तेंदुओं को पकड़ कर वापस जंगली क्षेत्र में छोड़ देता है।
उन्होंने बताया कि उडुपी, कुंदापुर एवं मणिपाल में तेंदुओं के घूमने की इन घटनाओं में कुछ नया नहीं है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार देर रात पेराम्पल्ली में एक घर के आसपास तेंदुए को घूमते हुए देखा गया। जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। वन अधिकारियों ने बताया कि घटना रात लगभग 11:15 बजे की है, जब घर के लोग अपने कुत्ते की तेजी से भौंकने की आवाज सुनकर जाग गए।
उन्होंने खतरा भांपते हुए दरवाजा नहीं खोला हालांकि, जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो उनके डर की पुष्टि हो गई। मंगलूरु के मुख्य वन संरक्षक डा. वी करिकलन ने बताया कि शहरी इलाकों में आम तौर पर रात के समय कुत्तों को अपना शिकार बनाने के लिए तेंदुए जंगलों से बाहर आ जाते हैं लेकिन अब तक उन्होंने मानव जाति को विरले ही कोई नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि बीती रात मणिपाल में घरों में घूम रहे तेंदुओं की तलाश का अभियान जारी है।