लखनऊ:उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है, जिसमें जलभराव के कारण मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को उनके 4 सहयोगी स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखे। वीडियो में शैक्षणिक संस्थान के प्रिंसिपल की पहचान राजेश कुमार के रूप में हुई। हालांकि, वीडियो सामने आते ही लोगों के बीच ये चर्चा का विषय बन गया।
वीडियो सामने आने के बाद बताया जा रहा है कि कॉलेज के प्रिंसिपल अपनी पहनी हुई पैंट को भिगने से बचाने के लिए स्टाफ के 4 सहयोगियों से उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाने के लिए कहते हैं। जबकि, उनके स्टाफ ने अपनी पैंट को पानी में उतरने से पहले घुटनों तक मोड़ लिया था। फिर इसके बाद प्रिंसिपल को सहयोगी ले गए और उन्हें स्ट्रेचर से रास्ता पार कराके उचित स्थान पर पहुंचा दिया।
मीडिया प्लेटफॉर्म के 'एक्स' यूजर्स ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि पैंट गीली न हो, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल स्ट्रेचर पर बैठकर बाहर आए। स्ट्रेचर खींचने के लिए चार कर्मचारी लगे हुए थे।" लेकिन इस पर एक मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सवाल उठाया गया कि क्या प्रिंसिपल अपनी पैंट ऊपर कर के पानी में रास्ता पार नहीं कर सकते थे। उन्हें ऐसा करवाने की जरूरत ही क्यों समझी..
प्रिंसिपल ने ये बोल दियाक्या दावा सच है? सामने आई खबर के दूसरे पहलू पर नजर डालें तो मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश कुमार ने अपना बचाव करते हुए कहा कि सच्चाई तो यह है कि उनके पैर में चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह जलजमाव वाले रास्ते से नहीं चल पा रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स ने प्रिंसिपल के बारे में बताते हुए लिखा कि वो बताते हैं कि उनके पैर में चोट लगे थी और वो डायबेटिक हैं, जिसके कारण वो चलने में अस्मर्थ थे। इसके बाद वो बताते हैं कि कर्मचारी कॉलेज परिसर से बाहर निकलने में उनकी सहायता करने पर सहमत हुए। इसपर स्टाफ ने उनसे कहा कि आपको स्ट्रेचर पर बाहर ले जाते हैं, उन्होंने ये बातें सामने आ रही कथित टिप्पणियों पर चुप्पी तोड़ी है।
फिलहाल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते शुक्रवार से भारी वर्षा हो रही है। इसके कारण नेशन हाईवे 24 पर भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और यह हाईवे शाहजहांपुर क्षेत्र से होकर गुजरता है। गौरतलब है कि सेना के जवान रेस्कयू और राहत-बचाव कार्य में तैनात हैं।