जयपुर: राजस्थान में REET परीक्षा पेपर लीक मामले पर जारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले उनके कान में ये बताया जा रहा है कि पत्रकारों को इस बारे में कह दिया गया है कि वे रीट के अलावा और कोई सवाल नहीं पूछेंगे। बता दें कि विधानसभा के बजट सत्र में पिछले 2 दिन से भाजपा लगातार सरकार से रीट मामले में सीबीआई जांच की मांग पर हंगामा कर रही है।
वहीं, राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा है कि मामले में सीबीआई जांच का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जांच एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उसने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। कल्ला ने विधानसभा में बीजेपी के हंगामा करने को भी बेवजह करार दिया। उन्होंने कहा कि जो मामले कोर्ट में होते हैं, उन पर सदन में चर्चा नहीं की जाती है।
'पत्रकारों को समझा दिया है रीट के अलावा कोई सवाल नहीं'
अशोक गहलोत से जुड़ा वायरल हो रहा वीडियो सात फरवरी का बताया जा रहा, जब उन्होंने राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) की लेवल-2 परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की थी। कैबिनेट की बैठक के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि यह परीक्षा अब नए सिरे से होगी।
अशोक गहलोत ने कहा कि रीट के लिए भारत सरकार की पुरानी प्रणाली... पहले प्राथमिक परीक्षा और उसके बाद मुख्य परीक्षा... ला रहे हैं। साथ ही गहलोत ने कहा, ‘रीट के जरिए की जाने वाली भर्तियों की संख्या 32,000 से बढ़ाकर 62,000 किया जाएगा। इनमें लेवल-1 और लेवल-2 दोनों शामिल हैं।’
क्या है रीट परीक्षा पेपर लीक मामला
दरअसल, राजस्थान में तृतीय श्रेणी के लगभग 31,000 अध्यापकों के लिए राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 26 सितंबर को करवाई गई थी। दो स्तरों के अध्यापकों के लिए यह परीक्षा दो अलग-अलग पारियों में हुई जिसमें कुल मिलाकर एक ही दिन में 20 लाख से अधिक परीक्षार्थी बैठे। हालांकि लेवल-2 का पर्चा लीक होने के कारण परीक्षा का आयोजन विवादों में आ गया था। इसकी जांच राजस्थान में एसओजी कर रहा है। बताते चलें कि गुरुवार को भाजपा विधायकों ने रीट परीक्षा मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर विधानसभा में जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार और आखिरकार पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही के दौरान भाजपा एवं सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्य आमने सामने आ गए और सदन ने भाजपा के चार विधायकों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।