Ludhiana Building Collapse: पंजाब के लुधियाना से एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देख आपका कलेजा मुंह को आ जाएगा। वायरल वीडियो में एक इमारत ताश के पत्तों की तरह देखते ही देखते ढह गई। गनीमत ये रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है। दरअसल, चावल बाजार के पास बंदेया मोहल्ला में 1अक्टूबर, मंगलवार दोपहर एक महिला और उसकी 2 साल की बेटी बाल-बाल बच गईं, जब एक तीन मंजिला इमारत ढह गई। यह इमारत करीब सौ साल पुरानी बताई जा रही है।
इमारत ढहने और महिला द्वारा अपने बच्चे को बचाने की कोशिश करने का खौफनाक दृश्य सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। बच्चे को बचाने की कोशिश में महिला के सिर और हाथ में चोट लग गई। आसपास के इलाकों के लोग सदमे में हैं, खासकर इसलिए क्योंकि उनके घरों में भी दरारें आ गई हैं।
यह हादसा दोपहर करीब 1.40 बजे हुआ। इलाके के लोगों ने बताया कि इमारत जर्जर थी और पिछले कुछ समय से इमारत से ईंटें गिरकर सड़क पर आ रही थीं। उन्होंने बताया कि सोमवार को इमारत का अगला हिस्सा एक तरफ झुक गया था, जिससे हादसे का अंदेशा हो गया था। इमारत के अंदर मौजूद तीन लोगों को दमकल कर्मियों ने बचा लिया, जबकि पास में खड़े तीन अन्य लोग समय रहते भाग निकले। हालांकि, अपनी दो साल की बेटी के साथ टहल रही 27 वर्षीय खुशी इमारत गिरने के दौरान तेजी से भागी लेकिन मलबे का कुछ हिस्सा उनके ऊपर गिरा जिससे महिला को चोटे आई है।
वहीं, इमारत के पास के मकान को काफी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार, मलबे में स्थानीय निवासी रुद्राक्ष गौतम की बाइक और उनके पिता की स्कूटी दब गई। उनके घर का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। खिड़की टूट गई और वहां लगा एसी पलंग पर गिर गया, जो उस समय खाली था।
प्रत्यक्षदर्शी अंकुर जैन ने बताया, 'हम दोपहर करीब डेढ़ बजे इमारत देख रहे थे और 10 मिनट के भीतर इमारत ढहने लगी। हम जान बचाने के लिए भागे और इमारत पलंग पर ही ढह गई।' धूल, मलबे और तेज आवाजों से कई लोगों को लगा कि भूकंप आ गया है।
इमारत में फंसे तीन लोग
पुलिस और दमकल कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंदर फंसे लोगों को बचाया। बताया जा रहा है कि इमारत के भीतर तीन लोग फंसे थे जिन्हें मौके पर बचा लिया गया। वहीं, निवासी संपत्ति के मालिक से नाराज थे, उनका कहना था कि सूचना दिए जाने के बावजूद वह नहीं पहुंचे। इमारत में किराएदार के तौर पर रह रहे कृष्ण गुप्ता ने बताया, 'मैं कुछ देर पहले ही निकला था। इमारत ढहने के समय अंदर तीन लोग थे, लेकिन चूंकि वे इमारत के पिछले हिस्से में थे, इसलिए वे सुरक्षित हैं।' उन्होंने बताया कि इमारत में रहने वाले लोग इलाके से निकलने की कोशिश कर रहे थे।
एमसी कमिश्नर आदित्य दचलवाल ने आश्वासन दिया कि शहर में असुरक्षित इमारतों की पहचान करने और उनके समाधान के लिए कार्रवाई की जाएगी।