आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास हमेशा ही अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में बने रहे हैं। उनका एक और ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसपर बहस छिड़ गई है। कुमार विश्वास ने एक ट्वीट किया है, जिसमें एक विज्ञापन की तस्वीर है। विज्ञापन पर लिखा है- ''वृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स कंपनी को नौकरी के लिए 100 पुरुष चाहिए। शर्त यह है कि सभी लोग अग्रवाल-वैश्य समुदाय के होने चाहिए।'' यह विज्ञापन अखबार में छपा था। इसी को लेकर कुमार विश्वास ने तंज भरा ट्वीट किया है, जो आपको सोचना पर मजबूर कर देगा।
कुमार विश्वास ने लिखा, ''बेहद शर्मनाक सोच व कार्य! संविधान की मर्यादा को तार-तार करते इस संस्थान के विरुद्ध एक कठोर व मानक कार्यवाही सरकार के “सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास” नारे को सत्य सिद्ध करेगी। जी ! आशा है आप सब जो कहते रहे हैं उसे मानते भी होगें ही।'' इस ट्वीट में कुमार विश्वास ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्रालय को भी टैग किया है।
जानिए क्या है पूरा विवाद
बिहार के नेता संजय यादव ने ट्वीट किया, ''रेलवे का ठेका लेने वाली वृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स कंपनी को नौकरी हेतु 100 पुरुष चाहिए। लेकिन इस कंपनी की एक महत्वपूर्ण शर्त है कि नौकरी में अप्लाई करने वाले सभी लोग अग्रवाल-वैश्य समुदाय के ही होने चाहिए। इन्हें ब्राह्मण, राजपूत, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिला स्टाफ नहीं चाहिए।'' इन्होंने ने भी अपने ट्वीट के साथ अखबार में छपा वह ऐड शेयर किया था। जिसमें अंग्रेजी में साफ-साफ लिखा है कि उन्हें नौकरी के लिए अग्रवाल-वैश्य समुदाय के ही लोग चाहिए।
ट्वीट पर छिड़ी बहस
कुमार विश्वास के ट्वीट के बाद इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने लिखा है कि देश में जब आरक्षण व्यवस्था है, तो फिर ऐसे आरक्षण को गलत कैसे कहेंगे।
एक यूजर ने लिखा है, कवि महोदय आप अपनी जगह सही हैं। मगर ये भी अपनी जगह सही हैं। ये प्याज, लहसुन से परहेज करते हैं, इन्हें शुद्ध वैष्णव भोजन चाहिए। ये इनके धर्म के अनुसार मांग।
एक यूजर ने लिखा, संविधान की मर्यादा में Right to Association का भी प्रावधान है।