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IAS Success Story: मां ने पालीं बकरियां और भैंसें, बेटा बना आईएएस अधिकारी

By धीरज मिश्रा | Updated: November 4, 2023 15:01 IST

विशाल ने साल 2021 की यूपीएससी परीक्षा में 484वीं रैंक ली। परिवार के साथ अपना और अपने जिले के लोगों का नाम रौशन किया। हालांकि, विशाल जिस परिवार से आते हैं वहां दो वक्त की रोटी के लिए उनकी मां को बकरियां और भैंसें तक पालनी पड़ी थीं।

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ठळक मुद्देVishal Kumar: मुजफ्फरपुर (बिहार) के रहने वाले विशाल कुमार को मिली 484वीं रैंक IAS: मां ने बेटे की पढ़ाई से कभी नहीं किया समझौता UPSC success story: पिता के देहांत के बाद टूट गया था पूरा परिवार

IAS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा मैं भी पास कर सकता था। अगर मुझे घर में माहौल अच्छा मिला होता। ऐसी सोच रखने वाले लोगों यह समझना चाहिए कि माहौल कैसा भी हो उसे पढ़ाई लायक बनाने की जिम्मदारी आपकी है। क्योंकि, बाद में आप यह सब बाते कहकर सिर्फ अपना और सामने वाले को बहला सकते हैं। बहरहाल, आज हम आपको एक ऐसे आईएएस की कहानी बताने जा रहे हैं। जिनसे प्रेरणा लेकर आज उनके गांव जिले के सैकड़ों युवा यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में बैठने के लिए तैयारी करने लगे हैं।

चलिए शुरु करते हैं। आज बात मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले विशाल कुमार की। विशाल ने साल 2021 की यूपीएससी परीक्षा में 484वीं रैंक ली। परिवार के साथ अपना और अपने जिले के लोगों का नाम रौशन किया। हालांकि, विशाल जिस परिवार से आते हैं वहां दो वक्त की रोटी के लिए उनकी मां को बकरियां और भैंसें तक पालनी पड़ी। घर के हालात ठीक नहीं थे। गांव में रहने वाले लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि उनके बीच का एक लड़का इतना बड़ा अधिकारी बन जाएगा।

UPSC Success Story: पिता की मौत से आर्थिक स्थिति बिगड़ी  विशाल के पिता परिवार की आजीविका चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे। उनके निधन के बाद परिवार पर संकट आ गया। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जब कोई विकल्प नहीं बचा तो उनकी माँ ने भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया और परिवार के लिए छोटे-मोटे काम किये। उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए बकरियाँ और भैंसें पालीं, लेकिन अपने बेटे की शिक्षा से कभी समझौता नहीं किया। यही वजह है कि विशाल ने भी अपने मां के सपने को पूरा कर दिया।

बचपन से ही पढ़ने में तेज थेविशाल के पिता के देहांत के बाद भले ही तमाम तरह की चुनौतियों से परिवार सफर कर रहा था। लेकिन विशाल की मां ने कभी भी यह नहीं सोचा कि गरीबी के चलते वह अपने बेटे की शिक्षा के साथ समझौता करेंगी। उन्होंने विशाल को हर मोर्चे पर साथ दिया। वहीं विशाल भी बचपन से ही पढ़ने में तेज थे। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा टॉप करने के बाद उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करके आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया।

यहां से स्नातक करने के बाद उन्हें रिलायंस कंपनी में बड़ी सैलरी पैकेज पर नौकरी दी गई। यहां काम करते हुए उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अपने जीवन में कुछ और करना है और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने की ठानी। दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर उन्होंने पढ़ाई की। साल 2021 में उनकी 484 रैंक आई।

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