नई दिल्ली, 07 सितंबर: हाल ही में केरल में आए बाढ़ से मची तबाही का मंजर हम सभी ने देखा। इस आपात स्थिति और तबाही से निपटने के लिए हमारी सेना सहित बहुत से लोग आगे आए थे। जिन्होंने आर्थिक रूप से और शारीरिक परिश्रम कर हर संभव मदद की। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए एक आईएसएस ऑफिसर का नाम सामने आ रहा है। इस ऑफिसर ने अपनी पहचान छुपाकर नि:स्वार्थ भाव से लोगों की मदद की। आइए जानते हैं इस ऑफिसर के बारे में और यह भी जानेंगे कि कितने दिनों तक इस आईएएस ऑफिसर ने बाढ़ पीड़ितों की मदद की।
दादरा एंड नगर हवेली के हैं कलेक्टर
इस IAS ऑफिसर का नाम कन्नन गोपीनाथन। जिन्होंने 8 दिन की छुट्टी लेकर केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद की। यह छुट्टी उन्होंने विभाग में निजी छुट्टी बताकर लिया था। छुट्टी के आठ दिनों में उन्होंने केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने उनके लिए शारीरिक परिश्रम करके लोगों की मदद की । कन्नन गोपीनाथन दादरा एंड नगर हवेली के कलेक्टर हैं और वो 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के ऑफिसर हैं।
सोशल मीडिया में तस्वीरें हुईं वायरल
गोपीनाथन ने बाढ़ पीड़ितों के घरों में जाकर सफाई और उनके मदद के लिए बोरियां उठाईं। बोरियां उठाते वक्त सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर वायरल हुई। मलायालम के पत्रकार जिक्कु वार्गेस जैकब ने अपने ट्विटर हैंडल पर आईएएस ऑफिसर गोपीनाथन की बोरी उठाते वक्त की तस्वीर अपलोड करते हुए कहा कि केरल बाढ़ रीलिफ सेंटर में लोडिंग और अपलोडिंग करते हुए इस नवजान की कहानी अतुल्यनीय है। ये कोई और नहीं बल्कि दादरा एंड नगर हवेली के कलेक्टर कन्नन गोपीनाथन हैं।
आईएएस एसोसिएशन की ट्विटर हैंडल से इस ट्वीट को रीट्विट किया गया। IAS एसोसिएशन ने लिखा कि अतुल्यनीय कन्नन। वास्तव में सर्विस में आप जैसे आईएएस अधिकारियों पर गर्व है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा का प्रतीक है।
ऐसे हुई पहचान
बताया जा रहा है कि गोपीनाथन की पहचान तब उजागर हुई जब केबीपीएस प्रेस सेंटर पहुंचे एर्नाकुलम के कलेक्टर ने उन्हें देख लिया। उन्होंने तुरन्त लोगों को उनके बारे में बताया। उन्होंने लोगों को सरकार की तरफ से मिल रही सुविधाओं के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने अलपुझा और एर्नाकुलम में लोगों की सबसे ज्यादा मदद की।
सोशल मीडिया पर कन्नन के कार्यों को सराहा जा रहा है। कई यूजर उनके सोशल मीडिया पर उनकी सराहना करते हुए उन्हें सैल्यूट किया।
एक यूजर ने लिखा कि हम सभी आइएएस हिरोज पर गर्व करते हैं और उन आईएसएस ऑफिसर पर गर्व करते हैं जो रिटायर्ड हो गए।