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अद्भुत, आईजी राकेश सिंह ने आरक्षी तौफीक अहमद को 13 जनवरी 2023 को महिला यात्री से छेड़छाड़ पर किया बर्खास्त, बेटी ने कोर्ट में पैरवी कर बहाल कराया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 11, 2025 14:09 IST

Bareilly: सजा की सिफारिश भी कर दी, जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस अधीनस्थ श्रेणी (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 14(1) के तहत यह अधिकार केवल अनुशासनात्मक प्राधिकारी का है।

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ठळक मुद्देआरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए अहमद को सेवा से हटाने का ‘‘सख्त लेकिन कर्तव्यनिष्ठ’’ फैसला लिया था।न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सहमति जताते हुए जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया।अहमद को बहाल करने का निर्देश दिया, साथ ही तीन महीने के भीतर नए सिरे से जांच पूरी करने का निर्देश दिया।

Bareilly: उत्तर प्रदेश में व्यक्तिगत रिश्तों पर पेशेवर ईमानदारी का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला, जब 2023 में बरेली रेंज के तत्कालीन महानिरीक्षक (आईजी) राकेश सिंह (अब सेवानिवृत्त) द्वारा बर्खास्त किए गए एक पुलिस कांस्टेबल को आईजी की ही बेटी की पैरवी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहाल करने का फैसला सुनाया। कांस्टेबल (आरक्षी) तौफीक अहमद को 13 जनवरी 2023 को एक महिला यात्री से छेड़छाड़ और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज अपराधों के आरोपों पर विभागीय कार्रवाई के बाद बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके लिए उन्हें जेल भी हुई थी। सिंह ने आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए अहमद को सेवा से हटाने का ‘‘सख्त लेकिन कर्तव्यनिष्ठ’’ फैसला लिया था।

अहमद ने बर्खास्तगी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जहां उनकी तरह से पैरवी करने वाली आईजी की बेटी अनुरा ने विभागीय जांच में गंभीर तकनीकी उजागर करते हुए दलील दी कि जांच अधिकारी ने न केवल आरोप सिद्ध किए, बल्कि सीधे सजा की सिफारिश भी कर दी, जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस अधीनस्थ श्रेणी (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 14(1) के तहत यह अधिकार केवल अनुशासनात्मक प्राधिकारी का है। न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सहमति जताते हुए जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया।

अहमद को बहाल करने का निर्देश दिया, साथ ही तीन महीने के भीतर नए सिरे से जांच पूरी करने का निर्देश दिया। अनुरा ने रविवार को कह, ‘‘मैंने एक वकील के रूप में काम किया और मेरे पिता ने एक सरकारी प्रतिनिधि के रूप में काम किया, लेकिन उच्च न्यायालय व्यक्तिगत रिश्तों से ऊपर है।’’

सेवानिवृत्त आईजी राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने अपनी पेशेवर भूमिका निभाई। अहमद ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें मामले के दौरान व्यक्तिगत संबंधों (राकेश-अनुरा) के बारे में पता नहीं था। 

टॅग्स :Allahabad High Courtuttar pradesh
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