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जानिए क्यों, इस गांव में जहरीले सांप हैं लोगों के लिए खिलौने के समान

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 3, 2018 12:21 PM2018-02-03T12:21:09+5:302018-02-03T12:30:08+5:30

बिहार के बेगूसराय से 40 किलेमीटर दूर मंसूरचक प्रखंड के आगापुर गांव में लोगों क�..

बिहार के बेगूसराय से 40 किलेमीटर दूर मंसूरचक प्रखंड के आगापुर गांव में लोगों के लिए जहरीले सांप खिलौना बन जाते हैं| नागपंचमी के कुछ दिन पहले से यहां के लोग सांप पकड़ना शुरु करते है और नागपंचमी मेला में सांप का प्रदर्शन किया जाता है। जिसका सांप जितना जहरीला उसकी मेले में उतनी ही पूछ होती है। सांप पकड़ने के इस खेल में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन यह परंपरा आज भी कायम है, यहां नागपंचमी के मौके पर एक हफ्ते का मेला लगता है। सांप काटने से दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में भारत सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल 83,000 लोग सांप के दंश का शिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है मौत का सबसे बड़ा कारण है तुरंत प्राथमिक उपचार न होना है। भारत में आधे लोग सांप काटने के बाद तंत्र-मंत्र पर यकीन करते हैं| भारत में सांपों की कई तरह की प्रजातियां हैं. यहांसांपों की लगभग 236 प्रजातियां हैं. इनमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते| देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत. देश में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन व करैत के काटने से होती हैं बिहार के बेगूसराय से 40 किलेमीटर दूर मंसूरचक प्रखंड के आगापुर गांव में लोगों के लिए जहरीले सांप खिलौना बन जाते है|