प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से कौन वाकिफ नहीं हैं, लेकिन यह बहुत कम लोग जानते होंगे की पीएम मोदी इस चकाचौंध भरी जिंदगी में आना ही नहीं चाहते थे। पीएम मोदी समान्य जीवन त्याग कर संन्यासी बनना चाहते थे।लेकिन उनकी जिंदगी में एक गुरु का आगमन हुआ और फिर रास्ता बदल गया। साल 1966 में बेलूर मठ के स्वामी आत्मास्थानंद राजकोट के रामकृष्ण आश्रम आए थे। उन दिनों युवा मोदी स्वामी विवेकानंद के जीवन से काफी प्रभावित थे। तब मोदी स्वामी आत्मास्थानंद मिलने के लिए उनके आश्रम पहुंचे।