"मैं पहले भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं था, आज भी नहीं हूं", शिवराज सिंह चौहान ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 5, 2023 03:35 PM2023-12-05T15:35:08+5:302023-12-05T15:37:44+5:30
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम रेस के सवाल पर कहा है कि वह न तो कभी पहले मुख्यमंत्री के दावेदार रहे हैं और न ही अब हैं।
भोपाल:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ मिली जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद की रेस में नेताओं की भागम-भाग लगी हुई है। भाजपा में खई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जो मुख्यमंत्री बनने की आस लगाये हुए हैं। ऐसे में मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम रेस के सवाल पर कहा है कि वह न तो कभी पहले मुख्यमंत्री के दावेदार रहे हैं और न ही अब हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सीएम चौहान ने मंगलवार को कहा वो भाजपा को स्पष्ट जनादेश के लिए मध्य प्रदेश की जनता का दिल से आभार व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं कभी भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं रहा हूं और न ही आज हूं। एक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी मुझे जो भी काम देगी उसे मैं हमेशा अपनी पूरी निष्ठा, क्षमता और ईमानदारी से करूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे नेता हैं और उनके साथ काम करके मुझे हमेशा गर्व और खुशी महसूस होती है।''
इसके साथ ही बीजेपी नेता ने यह भी दावा किया कि वह पीएम मोदी के साथ काम करने का मौका पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
सीएम शिवराज ने कहा, "मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पीएम मोदी हमारे नेता हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है और हम ऐसे भारत के निर्माण के साधन हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। मैं एक कार्यकर्ता के रूप में हमेशा पार्टी के हर कार्य को मिशन समझकर पूरा किया है और खुद को भाजपा के लिए समर्पित किया है।"
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैं मध्य प्रदेश की जनता का हृदय से आभारी हूं कि विधानसभा चुनाव 2023 में हमें उनका अपार प्यार और आशीर्वाद मिला। हमें अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला है। परिवार का सदस्य होने के नाते हम उनके लिए काम करते रहेंगे। मैं अपनी पार्टीका एक कार्यकर्ता हूं और पार्टी ने जो काम मुझे दिया था, उसे मैंने अपनी पूरी क्षमता से पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पूरा करने का प्रयास किया है।''
मालूम हो कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। जिसके परिणाम भाजपा के पक्ष में आये। भाजपा ने राज्य में 163 सीटें जीतकर व्यापक जीत दर्ज की, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई।