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India-China Standoff: भारत-चीन के बीच ढाई महीने बाद बातचीत, मोल्डो में कोर कमांडर्स की बैठक शुरू

By गुणातीत ओझा | Updated: January 24, 2021 22:01 IST2021-01-24T21:59:26+5:302021-01-24T22:01:39+5:30

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन (India-China LAC Rift) की सेनाओं के बीच चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए आज एक बार फिर दोनों देशों के सैन्य कमांडर आमने-सामने हैं।

भारत-चीन वार्ता
क्या खुलेगा तनाव का ताला?

India-China Standoff: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन (India-China LAC Rift) की सेनाओं के बीच चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए आज एक बार फिर दोनों देशों के सैन्य कमांडर आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक  शुरू हो गई है। ये बैठक चीन की तरफ से बुलाई गई है। दोनों देश करीब ढाई महीने बाद बैठक कर रहे हैं। भारतीय सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जबकि चीन की तरफ से पीएलए के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर इस बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच ये बैठक एलएसी पर चीन के मोल्डो बीपीएम-हट में चल रही है। मीटिंग का एजेंडा डिसइंगेजमेंट और डि-एस्कलेशन होगा यानी दोनों देशों के सैनिक एलएसी से पीछे हट जाएं और सैनिकों की तादाद भी कम कर दी जाए।

बताते चलें कि इससे पहले आठ दौर की बैठक के बाद भी भारत और चीन के बीच बात नहीं बन सकी थी। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक लगभग बंद हो गई थी। पिछले करीब ढाई महीनों से दोनों देशों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। हालांकि, दोनों देशों के राजनयिक जरूर तनाव खत्म करने के लिए मुलाकात करते रहे हैं।

दोनों पक्षों के बीच आखिरी सैन्य बैठक छह नवंबर को हुई थी। करीब साढ़े तीन महीने पहले भारतीय सैनिक पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के दक्षिण किनारे पर रणनीतिक रूप से अहम मुखपरी, रेचिन ला और मगर हिल इलाके के कई ऊंचाई वाले स्थानों पर काबिज हो गए थे।

राजनाथ सिंह ने कहा- भारत सैनिकों की संख्या में कमी नहीं करेगा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि भारत सैनिकों की संख्या में तब तक कमी नहीं करेगा, जब तक चीन यह प्रक्रिया शुरू नहीं करता। हालांकि, उन्होंने बातचीत के जरिए समस्या का हल निकलने का भरोसा भी जताया। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सीमा क्षेत्रों में बेहद तेजी से आधारभूत ढांचे को विकसित कर रहा है और चीन ने कुछ परियोजनाओं को लेकर आपत्ति भी जताई है। राजनाथ सिंह ने कहा, '' सैनिकों की संख्या में कमी नहीं की जाएगी। भारत सैनिकों की तैनाती में तब तक कमी नहीं करेगा, जब तक चीन यह प्रक्रिया शुरू नहीं करता।'' उन्होंने कहा, '' जारी गतिरोध जैसे मुद्दों को लेकर कोई समयसीमा निर्धारित नहीं है। आप एक तारीख तय नहीं कर सकते।'' रक्षा मंत्री ने कहा, '' हमें बातचीत के माध्यम से हल निकलने को लेकर पूरा भरोसा है।'' अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा गांव बसाए जाने की रिपोर्ट को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सीमा से सटा हुआ है और इस तरह के बुनियादी ढांचे को कई वर्षों के दौरान विकसित किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा जताए गए उस आकलन के बारे में पूछे जाने पर कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंध पिछले चार दशकों में न्यूनतम स्तर पर हैं और क्या चीन ने भारत का भरोसा तोड़ा है, तो सिंह ने कहा, '' बिना किसी संदेह के उन्होंने हमारा भरोसा तोड़ा है।''

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