ठळक मुद्देकल यानि 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद से पहले कई संगठनों और राजनीतिक दल उनके साथ आ गए हैं।किसान और सरकार के बीच अब तक 5 दौर की वार्ता हो चुकी है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) लगातार जारी है। किसानों को अब देश के अन्य क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, ऑटो सेक्टर से भी समर्थन मिल रहा है। कल यानि 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद (Bharat Bandh) से पहले कई संगठनों और राजनीतिक दल उनके साथ आ गए हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 5 दौर की वार्ता हो चुकी है। वहीं छठें दौर की वार्ता के लिए 9 दिसंबर की तारीख तय की गई है। किसान MSP, तीनों कानूनों को रद्द करने, सभी किसानों के खिलाफ दर्ज मामले हटवाने समेत पांच मांगों को लेकर अडिग हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मंगलवार को 'भारत बंद के दौरान सुरक्षा कड़ी की जाए और साथ ही शांति सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी देशव्यापी परामर्श में कहा कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए।गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देशगृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 'भारत बंद के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखा जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो। भारत बंद का आह्वान किसान संगठनों ने किया है जो संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस , राकांपा, द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है।अन्ना रखेंगे एक दिन का मौन व्रतसामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी किसानों की आवाज से आवाज मिलाई है। किसान आंदोलन और भारत बंद के समर्थन में अन्ना हजारे कल एक दिवसीय मौन व्रत रखेंगे। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के हैं। 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा, हम आम आदमी के लिए समस्याएं पैदा नहीं करना चाहते। इसलिए, हम सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान एम्बुलेंस, यहां तक कि शादियों जैसी सेवाएं भी हमेशा की तरह चल सकती हैं। लोग अपना कार्ड दिखा सकते हैं और कामों को जारी रख सकते हैं। सिंघू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता निर्भय सिंह धुडिके ने भारत बंद पर कहा कि हमारा विरोध केवल पंजाब तक सीमित नहीं है। कनाडा से ट्रूडो जैसे दुनिया भर के नेता भी हमें समर्थन दे रहे हैं। हमारा विरोध शांतिपूर्ण है।किसानों के समर्थन में 30 खिलाड़ी अवॉर्ड वापसी पर अड़ेराजनीतिक दलों और मनोरंजन जगत के साथ अब खेल की दुनिया से भी किसानों के लिए आवाज उठनी शुरू हो गई है। इस कड़ी में 30 खिलाड़ी अपने अवॉर्ड को वापस करने के लिए सोमवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़े, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। किसान आंदोलन के समर्थन में ये सभी खिलाड़ी राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें अपना अवॉर्ड वापस करना चाहते थे।