ठळक मुद्देआज पांचवें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है।किसान दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
देश में किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं। नए कृषि कानून (New Farmers Law) के विरोध में हरियाणा-पंजाब (Haryana-Punjab) के किसानों का हौसला अब भी बुलंदियों पर है। आज पांचवें दिन भी किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है। किसान दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने बुराड़ी मैदान में जाने के बाद केंद्र सरकार के साथ बातचीत के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। किसानों की इस हुंकार की हनक याद दिलाती है 1988 के उस किसान आंदोलन की जिसने राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था। 1988 में सरकार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किसानों के नेता महेंद्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) ने किया था। टिकैत की अगुवाई में आंदोलनकारी किसान तमाम मुश्किलों को झेलते हुए सात दिन तक धरने पर डटे रहे थे।