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जानिए अपने देश के उन बहादुर बच्चों के बारे में जिन्हें मिला है राष्ट्रपति पुरस्कार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 20, 2018 10:35 IST2018-01-20T10:32:16+5:302018-01-20T10:35:00+5:30

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जान से मार डालने की धमकी के बावजूद जुए और सट्टेबाजी के गैरकानूनी धंधे को बंद कराने में जुटी यूपी के आगरा की 18 वर्षीय नाजिया खान को शीर्ष वीरता सम्मान भारत अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। उसके साथ ही अदम्य साहस का परिचय देने वाले 18 बहादुर बच्चों के नाम का एलान राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए . किया गया। इनमें 7 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं। तीन बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जाएगा। सम्मानित बच्चों में सबसे छोटी ओडिशा की छह साल आठ महीने की ममता दलाई है जो अपनी बहन को बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गई और उसे भगाकर ही मानी..भारतीय बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने बताया कि गीता चोपड़ा अवॉर्ड 14 साल की स्वर्गीय कुमार नेत्रावती एम चव्हान को मिला। उसने अपने जीवन की परवाह किए बिना दो लोगों को डूबने से बचाया था लेकिन खुद नहीं बच सकी। संजय चोपड़ा पुरस्कार अमृतसर के 17 वर्षीय करणबीर को मिला है। उसने नहर में गिरी स्कूल बस के डूबने के बाद अपनी जान बचाने की बजाए 15 लोगों को बचाया। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पंकज सेमवाल ने तेंदुए से अपनी मां और भाई की जान बचाई थी। बापू गैधानी अवॉर्ड तीन लोगों, छत्तीसगढ़ की लक्ष्मी यादव, ओडिशा की सात वर्षीय ममता दलाई और केरल के मास्टर सेबेस्टियन विसेंट को दिया गया है

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