हर साल जब भी भारत सरकार आम बजट पेश करती है तो नौकरीपेशा और व्यापारियों की खास नजर टैक्स यानी आयकर को लेकर हुए घोषणाओं पर होती है। इसके तहत सरकार टैक्स स्लैब और दूसरी छूट से संबंधित घोषणा करती है। कोई भी छूट या टैक्स स्लैब को बढ़ाने से जुड़ी घोषणा मध्यमवर्ग परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आती है। ऐसे में सभी की नजर इस पर होती है। सरकार इससे जुड़े फैसले कई कारकों को देखकर लेती है। इसमें लोगों की आय, रोजगार सृजन, विकास आदि अहम हैं। Read More
राफेल जेट विमान कंपनी के साथ-साथ अनेक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने भारत सरकार को हर आर्थिक कानून के तहत जांच एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए जाने से बिगड़े कारोबारी माहौल को लेकर चेता रखा है ...
सरकार द्वारा उठाया जाने वाला यह कदम जितना दिखता है, उतना आसान नहीं था. इस निर्णय से सरकार की पिछले पांच वर्षो की कार्यपद्धति और नीतियों में बदलाव आया है. पिछले पांच वर्षो में सरकार ने नीतिगत और बड़े कदम उठाए हैं. ...
निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार पुरानी कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की जो दर पहले 34.94 प्रतिशत थी वो अभ घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा नई कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 29.12 प्रतिशत से घटाकर 17.01 प्रतिशत कर दी गई है। ...
मंदी का असर:अर्थव्यवस्था में सुस्ती का आलम ये भी है कि 15 सितंबर तक एडवांस टैक्स कलेक्शन में केवल 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ जबकि इस दौरान पिछले साल यह 18 प्रतिशत था। ...
‘निर्माण’ शब्द लिखने-सुनने में बड़ा प्यारा लगता है. यह शब्द विशेष समय, घड़ी की ध्वनि देता है. इस शब्द में एक विशेष दृश्य, एक विशेष शक्ति और एक विशेष चमक है. ...