एक्सक्लूसिव: 'टैक्स आतंकवाद' से मोदी सरकार भी चिंतित, जांच एजेंसियों की नकेल कसने की तैयारी
By हरीश गुप्ता | Published: October 29, 2019 08:46 AM2019-10-29T08:46:28+5:302019-10-29T11:38:18+5:30
राफेल जेट विमान कंपनी के साथ-साथ अनेक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने भारत सरकार को हर आर्थिक कानून के तहत जांच एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए जाने से बिगड़े कारोबारी माहौल को लेकर चेता रखा है
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों के अतिउत्साह से देश के कारोबारी माहौल पर पड़ रहे नकारात्मक असर ने अब सरकार को भी चिंता में डाल दिया है. यही वजह है कि अब जांच एजेंसियों की नकेल कसने के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन की तैयारी की जा रही है.
पहले ही होगी जांच
कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनी एक्ट की कुछ मुख्य धाराओं में ही संशोधन चाहता है. 50 करोड़ से अधिक के सभी बैंक धोखाधड़ी के मामले अब ज्यादा अधिकारों वाले नवगठित बोर्ड द्वारा जांचे जाएंगे. यह बोर्ड संबंधित बैंक के खिलाफ पुलिस, सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी के मामला दर्ज करने से पहले ही यह जांचेगा कि क्या यह मामला आपराधिक प्रवृत्ति या जांच का है.
भय का माहौल इन दिनों माहौल कुछ ऐसा बन गया है कि बैंकों में मैनेजर से लेकर प्रबंध निदेशक कोई बड़ा कर्ज देने को लेकर हिचकिचाते हैं. नौकरशाह भी सचिवों की समिति से स्पष्ट आदेश आने के बाद ही कोई फैसला ले पा रहे हैं. इससे कई मामले बेवजह लंबे खींच रहे हैं तो कई बंद हो चुके हैं. कोई भी बाद में जांच एजेंसियों के फेरे में नहीं पड़ना चाहता.
राफेल ने भी चेताया
राफेल जेट विमान कंपनी के साथ-साथ अनेक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने भारत सरकार को हर आर्थिक कानून के तहत जांच एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए जाने से बिगड़े कारोबारी माहौल को लेकर चेता रखा है.
दर्जनों जांच एजेंसियां
वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में इस वक्त दर्जनभर से ज्यादा जांच एजेंसियां कार्यरत हैं. केवल सीबीआई या ईडी ही नहीं सीबीडीटी और सीबीईसी को भी कारोबारियों के खिलाफ कर चोरी के मामले दर्ज करने और आपराधिक कानून के तहत कार्रवाई के अधिकार मिल चुके हैं. बैंकिंग नियमन कानून, गैरकानूनी विदेश व्यापार और राजस्व खुफिया निदेशालय, काला धन कानून, एमआरपीटीसी कानून के तहत कंपनी धोखाधड़ी, ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कानून सहित अनेक कानून व एजेंसियां मौजूद हैं.