Income Tax विभाग टैक्स चोरों के खिलाफ करेगा जल्द सख्त कार्रवाई, बैंक खातों समेत अन्य कमाई होने पर पड़ेगा छापा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2020 12:35 PM2020-01-23T12:35:28+5:302020-01-23T12:47:45+5:30
साल 2019-20 के अप्रैल वित्त वर्ष से 15 जनवरी 2020 तक करीब 7.25 लाख करोड़ रुपये का टैक्स आया है। पिछले साल की तुलना में टैक्स संग्रह कम हुआ है।
इस साल के वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में काफी कमी देखी गई है। इसका असर सरकार के खजाने पर भी पड़ा है। आयकर विभाग ने अपनी जानकारी में बताया है कि बीते साल की तुलना में इस साल 15 जनवरी 2020 तक डायरेक्ट टैक्स में छह फीसदी की कमी आई है।
मीडिया रिपोर्ट में के मुताबिक टैक्स में आई कमी के चलते आयकर विभाग आने कुछ दिनों में टैक्स चोरों के खिलाफ बड़ा कदम उठा सकता है। आयकर विभाग सभी टैक्सपेयर के बारें में जानकारी जुटाएगा कि कौन टैक्स देने में हेरा-फेरी कर रहा है। उन लोगों पर भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिनके खातों से जुड़े रेड फ्लैग विभाग को डाटा एनालिटिक्स के जरिए मिले हैं। पिछले हफ्ते आयकर अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें टैक्स से जुड़े सभी लंबित मामलों पर जल्द एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं, जिसे 31 जनवरी 2020 से पहले निपटाया जाएगा।
माना जा रहा है कि आयकर विभाग की तरफ से यह बड़ा कदम वित्त वर्ष को ध्यान में रखकर लिया गया है ताकि मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार की कमाई को बढ़ाया जा सके। साल 2019 के सितंबर तक देश में लगभग 60 हजार स्क्रूटनी के मामले लंबित पड़े हैं। इन सभी मामलों को भी 31 जनवरी तक निपटाने के निर्देश दिये हैं। आयकर विभाग ने 100 टैक्स मांग के बड़े मामलों को तुरंत निपटाने के निर्देश दिए हैं और साथ में कहा है कि छापेमारी करने में कोई गुरेज नहीं करना है।
साल 2018-19 के अप्रैल वित्त वर्ष से 15 जनवरी 2019 तक आयकर विभाग ने 7.73 लाख करोड़ रुपये का डारेक्ट टैक्स आया था। वहीं, साल 2019-20 के अप्रैल वित्त वर्ष से 15 जनवरी 2020 तक करीब 7.25 लाख करोड़ रुपये का टैक्स आया है।
टैक्स की हेरा-फेरी से निपटेने के लिए आयकर विभाग डाटा एनालिटिक्स का भी इस्तेमाल कर रहा है। जिन लोगों ने रिटर्न फाइल दाखिल की है, उनके दूसरे खातों और खर्च को डाटा एनालिटिक्स के जरिए चेक किया जाएगा। अगर विभाग को इस मामले में किसी तरफ का फेरबदल मिलता है तो उनको रेड फ्लैग जारी करेगा। साथ ही उनके खातों से रिफंड भी रोक सकता है।