विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर के दिन मनाई जाती है। कई लोग विश्वकर्मा पूजा साल में दो बार भी करते हैं। ज्यादातर लोग 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा पूजा करते हैं, लेकिन वहीं राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में भगवान विश्वकर्मा का जन्म 7 फरवरी को भी मन ...
जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से नमन कर अपने पितरों को विदा करता है उसके पितृ देव उसके घर-परिवार में खुशियां भर देते हैं। जिस घर के पितृ प्रसन्न होते हैं पुत्र प्राप्ति और मांगलिक कार्यक्रम उन्हीं घरों में होते हैं। ...
श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं और अब सभी को सर्वपितृ अमावस्या का इंतजार है। उस दिन ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस बार सर्व पितृ अमावस्या 17 सितंबर, गुरुवार को है। इसे आश्विन अमावस्या, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। ...
भगवान शिव की एक बार अंधकासुर नामक दैत्य ने उपासना की। शिव जी ने प्रसन्न होकर वरदान मांगने के लिए कहा। अंधकासुर ने वरदान मांगा कि मेरे रक्त की बूंदे जहां पर भी गिरे वहीं पर मैं फिर से जन्म लेता रहूं। ...
एक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब छह घंटे का होता है, जबकि एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। ये अंतर हर तीन वर्ष में लगभग एक माह के बराबर हो जाता है। ...