रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया में 1946 में हुआ था। देश के प्रमुख दलित नेताओं में अपनी पहचान बनाने वाले एलजेपी नेता का निधन 8 अक्टूबर 2020 को 74 साल की उम्र में हो गया। वह पहली बार 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए। वह आठ बार लोकसभा के सदस्य चुने गए और कई बार हाजीपुर संसदीय सीट से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। Read More
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का गुरुवार रात निधन हो गया। वो 74 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से काफी बीमार थे। उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट करके उनके निधन की जानकारी दी। उनके सम्मान में शुक्रवार को राजकीय शोक क ...
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि लोजपा के निष्ठावान दलित मतदाता पासवान के बेटे तथा उनके वारिस चिराग पासवान के साथ किस तरह का जुड़ाव महसूस करते हैं। केंद्रीय मंत्री पासवान के निधन के कारण मतदाताओं के बीच हमदर्दी की ...
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित नेता, उत्कृष्ट सांसद और सक्षम प्रशासक खो दिया है।’’ ...
Ram Vilas Paswan: रामविलास पासवान अब इस दुनिया में नहीं हैं। 1969 से जो सफर उन्होंने राजनीति में शुरू किया वो 8 अक्टूबर को थम गया। मैथिली भाषा से प्रेम सहित उनसे जुड़े कई किस्से हैं। ...
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘पासवान जी के निधन से बहुत दुख हुआ है। वह कद्दावर व्यक्तित्व थे जो जीवन भर वंचित तबकों के सशक्तीकरण और सामाजिक न्याय के मकसद के लिए खड़े रहे। वह हमेशा सामाजिक एवं राजनीतिक भागीदारी के मकसद पर जोर देने के लिए याद किए जाएंगे ...
आज मैं याद करना चाहता हूं 1977 में जब आपातकाल के बाद लोकसभा का चुनाव हुआ था तब रामविलास पासवान जी 5 लाख से अधिक वोटों से जीते थे, उनको मेरी बहुत विनम्र श्रद्धांजलि है। देश ने अपना एक सच्चा सपूत खो दिया : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ...
दावा किया कि जद (यू) अध्यक्ष ने ऐसे समय में लोजपा के संस्थापक के खराब स्वास्थ्य के बारे में अनभिज्ञता जताई थी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अकसर फोन पर उनके स्वास्थ्य का जायजा लेते थे। ...
खगड़िया में 1946 में जन्मे पासवान का चयन पुलिस सेवा में हो गया था लेकिन उन्होंने अपने मन की सुनी और राजनीति में चले आए। पहली बार 1969 में वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पिधायक निर्वाचित हुए। ...